हो सकता था बड़ा हादसा

हो सकता था बड़ा हादसा
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हो सकता था बड़ा हादसा, -रजबन में पुराना मकान गिरा-, थाना सदर बाजार के रजबन इलाके में कैंट बोर्ड के सामने एक पुराने मकान का बड़ा हिस्सा भर भराकर गिर गया। इसमें कई बाइकें व अन्य सामान दब गया। यहां एक बड़ा और भयंकर हादसा हो सकता था, जो करीब डेढ़ सौ साल पुराने जिस मकान का बड़ा हिस्सा गिरा है उस मकान के नीचे कई दुकानें हैं। गुरूवार दोपहर जब यह हादसा हुआ तो दुकानों के बाहर बाइक, पेंटर, कारपेंटर चाय की दुकान पर काफी लोग जमा था। पहले भी कई बार गिर चुके इस मकान का बाहरी हिस्सा थोड़ा टूट के गिरा। जहां जिस जगह वह गिरा अच्छी बात यह रही है कि वहां तब कोई मौजूद नहीं था। मकान का हिस्सा गिरने के बाद लोग वहां से खुद को बचाने को तेजी से दूसरी ओर दौड़े तभी बाकि का भी हिस्सा गिर गया। वहां धूल का बड़ा गुबार उठा और चारों ओर धूल ही धूल फैल गयी। इससे मुल्ला जी सीट वालों, ताज, मंजूर पेंटर, शेखर चंद व एक अन्य कारपेंटर का काफी सामान वहां दब गया। यहां पर एक दुकान बाइक रियेयर वालों की भी है। वहां कई बाइक खड‍़ी थी, वो सभी मलवे में दब गयीं। एक बाइक पूरी तरह से डेमेज हो गयी है।

भारी भीड़ जमा

लाॅयल बुक डिपो वाले महेश जी के नाम से इलाके में मशहूर इस बिल्डिंग के गिरने की खबर  इलाके में फैल गयी। वहां बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। भारी भीड़ लग गयी। कुछ लोगों ने दौड़कर कैंट बोर्ड प्रशासन को सूचना दी ताकि बचाव का काम शुरू कराया जा सके, लेकिन चौकी रजबन बाजार की दो फैंटम के अलावा कोई भी नहीं पहुंचा। फैंटम भी कुछ देर वहां रूकने के बाद निकल गयी। लाेग इंतजार करते रहे कि नागरिक प्रशासन व कैंट प्रशासन से कोई अफसर यहां मौके पर आएगा। जब दो घंटे इंतजार के  बाद भी कोई नहीं पहुंचा तो आसपास के लोगों ने हिम्मत जुटाकर दोनों ओर से रोड बंद कर खुद ही इस गिराऊ बिल्डिंग के हिस्से को ध्वस्त करना शुरू कर दिया ताकि इसके दूसरे हिस्सों के अचानक गिरने से कोई चपेट में आकर हताहत ना हो जाए।

सालों पहले चले गए मालिक

यहां के आसपास के लोगाें ने बताया कि यह पूरी बिल्डिंग लायल बुक डिपो वाले महेाश जी की है। जब यहां बिल्डिंग रहने लायक नहीं रही तो उनका परिवार डिफैंस कालोनी व कुछ सदस्य अंसल टाउन रूडकी रोड पर चले गए। यह करीब डेढ सौ साल पुरानी बिल्डिंग है। यहां तक कि किराया तक लेने को नहीं आते। लोगों ने बताया कि तमाम किराएदार पुरान हैं और किराया इतना कम है कि उससे ज्यादा खर्चा यहां तक आने में हो जाता है।

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