छावनी में अवैध निर्माणों की बाढ़

कैंट बोर्ड: 75 करोड़ फिर भी बदहाल
Share

छावनी में अवैध निर्माणों की बाढ़, छावनी में इन दिनों अवैध निर्माणों की बाढ़ आयी हुई है। कोई भी गली या मोहल्ला अथवा बंगला एरिया ऐसा नहीं जहां अवैध निर्माण या सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले न हों, हैरानी तो इस बात की है कि ऐसा भी नहीं कि कैंट  बोर्ड प्रशासन इससे बेखबर हो, बल्कि स्टाफ की सुगबुगाहट की मानें तो कैंट बोर्ड प्रशासन विशेषकर इंजीनियरिंग सेक्शन इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।

इनकी मर्जी के बगैर तो पूरे छावनी क्षेत्र में कोई भी शख्स एक ईंट तक नहीं लगा सकता, बड़े-बड़े अवैध निर्माण तो दूर की बात रही। या यूं कहें कि जब तक स्टाफ से सेटिंग नहीं हो जाती, तब तक कोई अवैध निर्माण शुरू ही नहीं किया जाता और यदि एक बार स्टाफ से सेटिंग हो जाए तो उसके बाद न तो किसी नक्शे की जरूरत है और न ही कैंट बाेर्ड की किसी कार्रवाई का खौफ ही बाकि रहता है। हथोड़ा गैंग पर प्रति माह किया जा रहा लाखों का खर्चा लेकिन दस्ता निष्क्रिय क्यों।  मेरठ छावनी का भूसा मंड़ी इलाका इन दिनों अवैध निर्माण तरह गुलजार है। यहां बंगला 198, 199, 200, 201 व 202 तिवारी क्वार्टर व बंगला नंबर 240 भूसा मंड़ी इलाके में अवैध निर्माण रात के अंधेरे में नहीं बल्कि दिन के उजाले में किये जा रहे हैं। इन अवैध निर्माणों को रोकना या टोकना तो दूर की बात कैंट बोर्ड इंजीनियरिंग सेक्शन का स्टाफ वहां जाकर झांकने तक की जहमत नहीं उठाता। अन्यथा ऐसे मामलों में बगैर किसी देरी के कैंट बोर्ड अधिनियम 2006 की धारा 247 व  248 के नोटिस जारी कर मौके पर तत्काल मुआयना कराकर नाप तोल की जानी चाहिए। लेकिन यह सब करना तो दूर की बात इंजीनियरिंग सेक्शन के अफसर को उस ओर जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते। इन्हीं कारगुजारियों के चलते सदर रंगसाज मोहल्ला 331 में नक्शे के विपरीत निर्माण ही नहीं किया गया बल्कि भारत सरकार की भूमि पर अवैध कब्जे में भी अफसर मददगार साबित हुए। रजबन करईगंज  में अवैध रूप से बनाया गया पंजाबी तड़का अब भारी भरकम चार मंजिला अवैध गोल्डन स्पून बन गया है। सरकुलर रोड पर व्हाइट हाउस कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग सेक्शन की कारगुजारी के पुख्ता सबूत हैं।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *