सेना के नाम पर ठगी-STF ने दबोचा

सेना के नाम पर ठगी-STF ने दबोचा
Share

सेना के नाम पर ठगी-STF ने दबोचा,

मेरठ/सेना में भर्ती के नाम पर रैकेट चला कर अब तक करोड़ों की ठगी कर चुके शख्स को एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने गिरफ्तार किया है। इसके अन्य साथियो की तलाश में टीमें दबिशें दे रही हैं। इसके अलावा जांच ऐजेन्सियां उनसे भी संपर्क का प्रयास कर रही हैं जिनसे अब तक सेना में भर्ती के नाम पर ठगी की जा चुकी हैं। इस गिरोह का जो शख्स लॉस्ट शिकार बना था, उसने ही आर्मी इंटेजीजेंस को इस गिरोह के बारे में जानकारी दी। आर्मी इंटेलीजेंस ने एसटीएफ अफसरों को इनपुट शेयर किया। उसके बाद एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। शनिवार की अल सुबह सदर बाजार थाना क्षेत्र के रेलवे क्रासिंग तेल डिपो के समीप से राहुल पुत्र पीतम सिंह निवासी हेवा छपरौली बागपत के गिरफ्तार कर लिया गया। यह किसी से मिलने के लिए वैगनआर गाड़ी से पहुंचा था। तभी धरदबोचा गया।
साठ हजार में भर्ती का झांसा
पूछताछ में राहुल ने बताया कि उनका गिरोह पचास से साठ हजार रुपए में सेना में भर्ती कराने का झांसा देकर नौकरी की तलाश में भटकने वाले युवाओं को फंसाया करते थे। अब तक कितनों को शिकार बना चुके हैं यह खुद राहुल को भी याद नहीं, लेकिन उसने माना कि सेना में भर्ती के नाम पर ठगी कर अब तक मोटी रकम ठग चुके हैं। उसने यह भी बताया कि इस गिरोह में उसके अलावा राजू पटेल निवासी बिहार, सुमित पुत्र सोहन लाल निवासी हेवा और सोहनवीर पुत्र मदन लाल निवासी हरियाणा भी शामिल हैं। सेना के भर्ती के नाम पर ठगी के लिए युवाओं को फंसाने का काम उसके बाकि साथी किया करते थे।
रेलवे की परीक्षा में नकल कराने में गया था जेल
यह भी बताया गया है कि साल 2018 में रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा में नकल कराने के आरोप में राहुल अपने साथी सोहनवीर आदि के साथ नोएडा से जेल जा चुका है। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने साथी सोहनवीर से सेना में भर्ती के लिए युवा तलाशने को कह। सोहनवीर ने ही राहुल की बात बिहार के राजू पटेल से करायी थी। इस तरह से यह पूरा रैकेट काम किया करता था। राहुल के खिलाफ थाना साइबर क्राइम, थाना सदर बाजार व थाना कंकरखेड़ा में भी मुकदमे दर्ज हैं।
सब कुछ फर्जी
सेना में भर्ती कराने का रैकेट चलने वाले इन बदमाशों ने बताया कि पर से लेकर नीचे तक उनका सारा काम पूरी तरह फर्जी था। एडमिट कार्ड, मोहर, चयनित सूची आदि सब कुछ पूरी तरह से फर्जी था। फिजिकल तक फर्जी करायी जाती थे।
—-
कोलकाता भेजे गए युवक ने खोली पोल पट्टी
मेरठ। सेना के नाम पर रैकेट चलाने वाले इस गिरोह ने एक युवक को अपन शिकार बनाया था। उससे तगड़ी रकम ऐठी थी। फर्जी कागजातों के थमा कर उसके कलकत्ता स्थित छावनी की एक यूनिट का पता देकर कोलकाता भेज दिया। इनके द्वारा दिए गए कागजातों की जब वहां चैकिंग की गई तो फौजियों ने ठगी का शिकार युवक को उलटे पांव लौटा दिया। इस युवक ने जब कोलकाता से ही राहुल व उसके साथियों से संपर्क किया ते उन्होंने काल रिसीव नहीं की। उसके बाद पीड़ित मेरठ कैंट पहुंचा। यहां आर्मी अफसरों को मामले की जानकारी दी। आर्र्मी अफसरों ने तमामा इनपुट एसटीएफ से शेयर किया।

@Back Home

 


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *