छोटी सी गलती से बड़ी फजीहत, आयोजक जैसे कि मान रहे हैं कि छोटी से गलती है, लेकिन इसने पूरे आयोजन की बड़ी फजीहत करा डाली। श्री 1008 भगवान महावीर दिगंबर जैन पंचायती मंदिर डी ब्लाक शास्त्रीनगर मेरठ में रविवार को पावन चातुर्मास एवं मंगल कलश स्थापना का आयोजन किया गया था। इसमें तमाम मंत्री व विधायक आदि वीआईपी आमंत्रित किए गए थे। धर्म का कार्य है उस पर कोई सवाल नहीं। बहुत ही सुंदर आयोजन किया गया, लेकिन फजीहत की शुरूआत पूरे कार्यक्रम को लेकर छपवाए गए निमंत्रण पत्र ने कर करा दी। इस निमंत्रण पत्र में अध्यक्ष व व्यवस्थापक की सूचनी जो नाम उल्लेख किए गए हैं उसमें मेरठ के सदर दु्र्गाबाड़ी पंचायती मंदिर के अध्यक्ष के तौर पर ऋषभ एकाडेमी गवन मामले में अरसे से जेल में बंद रंजीत जैन का नाम बतौर अध्यक्ष दर्शाया गया। बस फिर क्या था। जैन समाज में सुगबुगाहट शुरू हो गयी। इस धर्म कार्य के आयोजकों के फोन घड़घड़ाने शुरू हो गए। पूरे शहर भर से फोन जाने लगे। मामला मीडिया तक जा पहुंचा। इस कार्यक्रम में जिन्हें गौरव बताकर आमंत्रित किया गया था उन्हें काल किया गया। जब इस संबंध मे पूर्व मेयर सुरेश जैन रितुराज से सवाल किया तो उन्होंने सूची से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इसको शास्त्रीनगर के आयोजकों पर छोड़ दिया। वहीं दूसरी ओर जब तमाम मीडिया चैनलों ने अजेन्द्र कुमार जैन चेयरमैन वर्षायोग समिति व अध्यक्ष दिगम्बर जैन समाज मेरठ पूर्व से कैमरे पर सवाल किए तो पहले तो उन्होंने इस सवालों से कन्नी काटने का प्रयास किया, लेकिन मीडिया के सवालों से घिर जाने के बाद इस मामले मे उन्होंने सूची देने वाले समाज के लोगों पर ठीकरा फाेड़ दिया। वहीं दूसरी ओर लोगों का कहना है कि इतने बड़े धार्मिक कार्यक्रम से जो नाम जोड़े जा रहे हैं उनको लेकर सावधानी बरती जानी बेहद जरूरी होती है। आयोजन से जुड़े लोग इसको लेकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।