अवैध कब्जों से शहर की सड़कें तंग गलियों में हाे रही तब्दील

अवैध कब्जों से शहर की सड़कें तंग गलियों में हाे रही तब्दील
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अवैध कब्जों से शहर की सड़कें तंग गलियों में हाे रही तब्दील,

इलाके के थानेदारों को सौंपा गया था सड़कों-नाले नालियों कब्जे ना होने का जिम्मा

थाना पुलिस बजाए हटवाने के हफ्ता वसूली कर कंकरखेड़ा में सड़कों पर करा रहे हैं कब्जे

मेरठ। अवैध कब्जों के चलते खासतौर से नाले नालियों व रोड साइड पर दुकानदारों द्वारा किए जाने वाले अवैध कब्जों की वजह से कंकरखेड़ा समेत पूरे महानगर की सड़कें तंग गलियों में तब्दील होकर रह गयी हैं। हाला इतनी ज्यादा खराब हो गयी है कि कई बार वहां से निकला दुश्वर हो गया है। कंकरखेड़ा ही नहीं बल्कि राेहटा रोड की हालत भी बदहाल है। इसके अलावा शहर के तमाम प्रमुख बाजारों में अवैध कब्जों की वजह से दो पहिया वाहनों को तो छोड़िये पैदल निकलना भी दुश्वार होता है। इन दिनों त्यौहारी सीजन चल रहा है। बाजारों में भारी भीड़ है। लेकिन बाजारों में ग्राहकों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा ह्रै। कंकरखेड़ा के रोहटा रोड को देखकर लगता है कि मानों पुलिस व नगर निगम के फिल्ड स्टॉफ ने मिल सड़क को बेच दिया है। सड़क पर कब्जा करने वालों से हफ्ता वसूली की जा रही है। इससे लोगों को हो रही परेशानी से कोई सरोकार नहीं रह गया है। केवल यहां से गुजरने वाले ही नहीं बल्कि जो इस इलाके में रहते हैं वो भी मुसीबत झेल रहे हैं।

सप्ताह में दो दिन मुसीबत भरे

रोहटा रोड सप्ताह में दो दिन सप्ताहिक पैठ लगती है। पैठ के दौरान यहां बाइक स्कूटी तो छोड़िये पैदल निकलना भी मुश्किल भरा होता है। सप्ताहिक पैठ के दिन यदि यहां गाड़ी लेकर आ गए तो समझो मुसीबत में फंस गए। गाड़ी से गुजरना दुश्वार हो जाता है। केवल पैठ ही नहीं रोहटा रोड के सिटी रेलवे स्टेशन वाली साइड से फ्लाई ओवर कैंट से सटा इलाका और बाईपास फ्लाई ओवर के समीप अवैध कब्जों ने सबसे ज्यादा मुसीबत की हुई है। हाइवे के फ्लाई ओवर के नीचे रोड के दोनों ओर सड़क पर कब्जे कर खडे़ होने वाले ठेलों की वजह से बाईपास से वाया रोहटा रोड आगे जाने वाली गाड़ियां कई बार हादसों को शिकार हो जाती है। अंजाम लोग जिन्हें पता नहीं होता कि मोड़ पर सड़क किनारे पुलिस वालाें ने अवैध रूप से ठेले खड़े करा दिए हैं अक्सर ऐसी गाड़ियों का एक्सीडेंटहो जाता है। जिस जगह की बात यहां की  जा रही है वहां शराब का सरकारी ठेका भी मौजूद है। शराब के ठेके की वजह से यहां पीने पिलाने वालों का हमेशा जमघट रहता है। खाने पीने कासामान बेचने वालों के ठेले रोड खड़े होते हैं। चंद कदम की दूरी पर सामने फ्लाई ओवर के नीचे पुलिस वाले नजर जा जाएंगे, लेकिन वो कभी भी इन ठेले वालों को नहीं हटांएगे। इसकी वजह हफ्ता वसूली है। ऐसा ही दशा रोहट रोड का फ्लाईओवर वाली साइड की है। वहां भी पुलिस चौकी के समीप अवैध रूप से सड़कों पर कब्जा कर फल सब्जी के ठेले खड़े होते हैं। दुकानदार भी अपने सामान सड़क पर फैला देते हैं और कुछ सब्जी विक्रेता तो रोहटा रोड पर कब्जा कर ही पूरी दुकान सजा लेते हैं। इसकी वजह से अच्छी खासी राेहटा रोड संकरी गली में तब्दील हो जाती है। यहां से निकला मुसीबत से कम नहीं।

मुकदमे दर्ज करने के बजाए हफ्ता

शासन के पुराने आदेश है जिनमें कहा गया है कि सड़कों पर किए जाने वाले अवैध कब्जे हटाने की जिम्मेदारी उस इलाके के थानेदार की होगी। तमाम थाना क्षेत्रों का जिम्मेदारी दी गयी कि वो अपने-अपने इलाकों में अवैध रूप से सड़कों पर खड़े होने वालों पर नजर रखेे, उन्हें हटाएं ताकि यातायत सुगमता से चले। लोग सुविधा से निकलें। जाम ना लगे, लेकिन कंकरखेड़ा थाना समेत पूरे जनपद के थानों खासतौर से उन इलाकों की बात करें जहां भीड़ अधिक होते हैं। गाड़ियों की आवाजाही अधिक होती है, रोहटा रोड समेत ऐसे तमाम इलाकों में से पुलिस वाले ही हफ्ता वसूली कर ठेले खड़े कराते हैं।

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