सीज 22बी का बना दिया ट्रेड लाइसेंस, कैंट बोर्ड के अफसरों की बड़ी कारगुजारी सुनने में आयी है। फाइलों मेंं बाउंड्री रोड स्थित जिस 22बी पर सील लगी है, अफसरों ने उसका ट्रेड लाइसेंस तक बना दिया है।
याद रहे कि सीईओ कैट के तौर पर जब तक डीएन यादव रहे तब तक 22बी पर कैंट बोर्ड का पहरा रहा। वह एक ईंट तक नहीं रखी जा सकी। लेकिन उनके यहां से तवादले के साथ ही 22बी न केवली विवाह मंडप बल्कि रेस्टोरेंट-आलिशान होटल और बार में तब्दील हो गया। यहां आए दिन विवाह समारोह आदि आयोजित किए जाते हैं, लेकिन कैंट बोर्ड की यदि बात की जाए तो न कोई सुनने वाला न ही कोई देखने वाला। कैंट अफसरों की यह कारगुजारी मध्य कमान से मेरठ जांच के लिए पहुंचे डायरेक्टर डीएन यादव से छिपी नहीं रह सकी। कारगुजारी सामने आयी तो कैंट अफसरों के हाथ-पांव फूले हुए हैं, उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि बाउंड्री रोड स्थित 22बी पर जब सील लगी है तो वहां ट्रेड लाइसेंस कैसे बन गया। हालांकि जांच को लेकर कुछ कहना तो जल्दबाजी होगी, लेकिन इस जांच के साइड इफैक्ट बेहद गंभीर माने जा रहे हैं। मछेरान में कैसे गुलजार हो गया मीट मार्केट: सीईओ कैंट रहते हुए डीएन यादव ने मछेरान खासतौर से मीट मार्केट में से अवैध कब्जे हटवाने के लिए बड़ी व सफल कार्रवाई की थी। जिस पार्क पर कब्जा कर अवैध मार्केट बना दी गयी दी गयी है वो मामला भी मध्य कमान के जांच अधिकारी के संज्ञान में लाया गया है। माना जाम रहा है कि बुधवार को मछेरान का निरीक्षण किया जा सकता है। इस निरीक्षण के भी साइड इफैक्ट बेहद गंभीर साबित हो सकते हैं। बड़ा सवाल यह कि जब एक बार अवैध कब्जा हटवा दिया गया। पार्क को कब्जा मुक्त करा दिया गया था तो फिर वहां कैसे अवैध रूप से मीट मार्केट बन गया। क्या इसके लिए जिम्मेदार अफसर सोए रहे या फिर सेटिंग गेटिंग की बात सही है।