आईपीएस पर भारी इंस्पेक्टर क्राइम की जांच

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आईपीएस पर भारी इंस्पेक्टर क्राइम की जांच, मेरठ  थाना सदर बाजार के वेस्ट एंड रोड मंदिर मार्ग स्थित ऋषभ एकाडेमी घोटाला प्रकारण में इंस्पेक्टर क्राइम की रिपोट, एक आईपीएस की आख्या पर भारी पड़ रही है। यह पूरा मामला घोटाले के आरोपी रंजीत जैन के 12 जून 2021 को जेल जाने के साथ शुरू हुआ था। इस घोटाले को जैन समाज के सामने लाने वाले समाजिक सरोकारों वाले सीए डा. संजय जैन ने बताया कि जेल जाने से पहले रंजीत जैन ने तत्कालीन सीओ सदर आईपीएस सूरज राय के समक्ष दो अन्य आरोपियों मृदुल जैन व संजय जैन के भी नाम बताए थे। दोनों के नाम जांच में शामिल कर लिए गए। साथ ही तत्कालीन सीओ ने जांच अधिकारी को वादी डा. संजय जैन के भी इकालिया बयान दर्ज करने के आदेश तत्कालीन जांच अधिकारी गौरव राणा  को दिए थे। आरोप है कि तत्कालीन सीओ के आदेश की हिदायत के बाद भी मामले में खेल कर दिया गया। जिस पर आईपीएस सूरजराय ने एक सख्त लेटर भी गौरव राणा को लेकर जारी किया। बाद में यह जांच थाना के इंस्पेक्टर क्राइम सतेन्द्र कुमार को सौंपी गयी। लेकिन जांच के नाम पर उन भी गंभीर आरोप लगे हैं। बीते 28 जून को इसी मामले को लेकर इंस्पेक्टर क्राइम को कोर्ट के समक्ष पेश होना था लेकिन उन्होंने स्टेट रिपोट पेश कर दी जिसमें मुख्य आरोपी व वादी के बयान का हवाला देते हुए मृदुल व सुनील जैन को क्लीन चिट दे दी, लेकिन वादी सीए डा. संजय जैन ने इंस्पेक्टर क्राइम को कोई बयान देने से इंकार ही नहीं किया बल्कि कोर्ट में केविएट सरीखा एक पत्र दिया जिसमें उन्होंने इंस्पेक्टर क्राइम को मृदुल जैन व सुनील जैन को लेकर किसी प्रकार का बयान दिए जाने की बात काे एक सिरे से खारिज कर दिया। जिसके बाद यह जांच रिपोट अब महकमे के गले की फांस बनती नजर आ रहा है। मामला कोर्ट में है और अगली तारीख पर इस पर सुनवाई होनी है। ऐसे में यह रिपोट विभाग के लिए कहीं मुसीबत न बन जाए ऐसी आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। इस मामले में इंस्पेक्टर क्राइम सतेन्द्र कुमार से कई बार संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन नंबर आउट आफ रेंज जाता रहा।

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