भाजपा में टिकट तय करेगा कद

भाजपा के लिए साइड इफैक्ट फर्स्ट
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भाजपा में टिकट तय करेगा कद, भारतीय जनता पार्टी में किस नेता का कितना बड़ा कद है यह संगठन की ओर से मेरठ नगर निगम के महापौर पद के अधिकृत प्रत्याशी के नाम के एलान के बाद ही तय हो सकेगा। इस टिकट के साथ ही संघ, विधायक और पड़ौसी जनपद के एक केंद्रीय मंत्री की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।  प्रदेश भाजपा की ओर से जारी की जाने वाली महापौर प्रत्याशियों की प्रस्तावित सूची में मेरठ से महापौर पद का प्रत्याशी कौन, के साथ ही साफ हो जाएगा कि कार्यकर्ता भविष्य में कुछ पाने के लिए किस की परिक्रमा करने में फायदे में रहेंगे। मेरठ महापौर प्रत्याशी के नाम को लेकर भाजपा में घमासान जारी है। मेरठ से लेकर लखनऊ और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक दावेदारों का एक ही काम रह गया है कि एक पल भी पैरोकार को चेन से ना बैठने दिया जाए। विरोधी खेमे पर नजर रखने के साथ ही पल-पल की खबर अपने पैरोकारों को दी जा रही है। जहां तक टिकट की दावेदारी को लेकर रेस की बात है तो अभी भी हरिकांत अहलूवालिया आगे नजर आ रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यही कि संघ व संगठन कहां तक उनकी नैय्या पार लगाने में कामयाब होगा। क्योंकि चर्चा है कि महापौर प्रत्याशी के सवाल पर परिवार में भी एक दावेदार सेंध लगाने में बिरादरी के नाम पर कुछ हद तक सफल हो गया है। जानकारों का कहना है कि दरअसल कर्नाटक से आ रही बगावत की खबरों के बाद केंद्रीय नेतृत्व का ध्यान एकाएक यूपी नगर निकाय से हट गया है। दो टूक कह दिया गया है कि यूपी नगर निकाय की रार नई दिल्ली तक न पहुंचे। दावेदार आपस में एक दूसरे को निपटा लें। जिसके चलते कहा जाने लगा है कि नाम मेरठ में ही फाइनल हो सकता है या फिर यह भी संभव है कि दो नाम लखनऊ भेज दिए जाएं और एलान बजाए मेरठ के बागपत रोड हरमन सिटी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के लखनऊ से कराया जाए। इस बीच सुनने में यह भी आ रहा है कि महापौर के टिकट को लेकर जाे रस्साकसी चल रही है उससे एक बार फिर से पुराने जख्म हरे हो सकते हैं। वहीं कार्यकर्ता यह भी सवाल पूछ रहे हैं कि जख्म हरे होंगे या दो दावेदारों के इतर किसी तीसरे दावेदार पर सहमति बनाकर मरहम लगाने का काम किया जाएगा। हरिकांत अहलूवालिया के इतर अब जो नाम ट्रेंड कर रहे हैं उनमें पूर्व विधायक रविन्द्र भडाना, भाजपा के कैंट खेमे से पूर्व पार्षद रविन्द्र तेवतिया व सांसद के करीबी नरेन्द्र उपाध्याय के बीच मुकाबला सुनने में आ रहा है। रार से बचने के लिए दो ऑपशन भी रिजर्व में हैं वो है पूर्व विधायक रविन्द्र भडाना या फिर संगठन व संघ की बैसाखी थामें खड़े एक बार फिर हरिकांत के नाम की लाटरी निकल सकती है।

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