ठेके पर भाजपाइयों ने उठाए सवाल, मेरठ। महानगर में करीब 45 करोड़ की लागत से 26 सड़कों के निर्माण मामले को लेकर अफसरों की मंशा पर कुछ भाजपाई सवाल उठा रहे हैं। कहना है कि ऐसी भी क्या जल्दी है जो आनन-फानन में इस काम का ठेका छोड़ जाने को लेकर अफसर उताबले नजर आ रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि इस मामले में नोएडा की जिस कंपनी को ठेका दिए जाने की तैयारी है, उसको लेकर केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री से कनेक्शन की बात जानबूझ कर उठायी जा रही है। सच्चाई क्या यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन अफसरों की जल्दबाजी को लेकर सवाल खड़े करने वाले भाजपा के कुछ नेताओं के इसको लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलने की बात सुनने में आयी है।
बीते शनिवार को डीएम की अध्यक्षता में हुई नगर निगम के 15वीं वित बैठक में 45 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण की सैद्धांतिक तौर पर स्वीकृति मिल गयी। बैठक में नगर निगम के मुख्य लेखाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह, अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, मुख्य अधिशासी अभियंता अमित शर्मा, अवर इंजीनियर पदमसिंह, लोक निर्माण के सहायक अभियंता व मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद थे।
महापौर का प्रस्ताव:
45 करोड़ की लागत वाली सड़कों का प्रस्ताव बैठक में महापौर ने पेश किया था। जानकारी दी गई कि 15 वें वित्त में शहर की 26 सड़कों के निर्माण का टेंडर हो चुका है। इसे व्हाइट टॉपिंग कंक्रीट (6 इंची मोटाई) से बनाया जाएगा। इसके 20 साल तक चलने की गारंटी होगी। इसका बजट भी बढ़ाया गया है। पहले पांच सड़कें प्रस्तावित थी अब 26 की गई हैं। ये सड़क बंगलूरू की तर्ज पर बनाई जाएंगी। इसे बरसात में भी बनाया जा सकता है।
यहां बनेंगी सड़कें:
मोहकमपुरी औद्योगिक क्षेत्र, कासमपुर कंकरखेड़ा, कताई मिल परतापुर, मीनाक्षीपुरम गंगानगर, राजेंद्र पुरम गंगानगर, औद्योगिक क्षेत्र परतापुर, इंद्रापुरम परतापुर, औद्योगिक पुरम इंस्ट्रीज, गुरूनानक नगर दिल्ली रोड, जिटौली कंकरखेड़ा, कीर्ति पैलेस शास्त्रीनगर, नूर गार्डन ब्रह्मपुरी, भूमिया का पुल, परवेज विहार सिविल लाइन, कोमी एकता मार्ग हापुड़ रोड, सूरजकुंड, सर्किट हाउस के पास नगर आयुक्त कार्यालय से कमिश्नरी चौराहा, एसएसपी ऑफिस से बेजल भवन बाउंड्री रोड, गुप्ता कॉलोनी टीपीनगर थाने से आंबेडकर चौक, गंगानगर डिवाइडर रोड, रेलवे रोड से जैन मंदिर तक, जेल चुंगी चौराहे से पुलिस चैक पोस्ट तक, शिव चौक से हापुड़ रोड, शास्त्रीनगर कुटी चौराहा से एल ब्लाक तक सड़क बनेंगी।
किस आधार पर तय की गयी नोएडा की कंपनी:
भाजपा के जो नेता 45 करोड़ के इस काम को लेकर सवाल उठा रहे हैं, उनका कहना है कि जिस कंपनी को सारा काम दिए जाने की जल्दबाजी दिखाई गयी है नोएडा की उस कंपनी का नाम किस आधार पर तय गया गया। इसके अलावा इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए क्या प्रक्रिया अपनायी गयी।
एनओसी क्यों नहीं:
45 करोड़ की लागत का काम देने से जो विभाग सीवर या ऐसे ही दूसरे काम करते हैं उनसे एनओसी को लेकर भी सवाल उठाने वाले भाजपाई अफसरों से चाहते है कि वो स्थिति स्पष्ट करें। मसलन कोई सड़क बना जाती है और वहां सीवरेज सिस्टम के लिए फिर खुदाई की जाए यह तो ठीक नहीें होगा।