कांगों में बीएसफ के दो कर्मियों की मौत, नई दिल्ली, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दो कर्मियों की हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मौत हो गई. बल के एक प्रवक्ता और संयुक्त राष्ट्र ने यह जानकारी दी. दोनों सैनिक कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजस्थान के रहने वाले दोनों बीएसएफ कर्मी हेड कांस्टेबल थे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र मिशन के खिलाफ कांगो के पूर्वी शहर गोमा में हुए प्रदर्शन के दूसरे दिन कम से कम पांच लोग मारे गए और लगभग 50 अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने कहा कि 70 से 74 बीएसएफ जवानों की दो पलटन इलाके में तैनात थी. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘कांगो में बीएसएफ के दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों की मौत पर गहरा दुख हुआ. वे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन का हिस्सा थे. इन आक्रोशपूर्ण हमलों के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए.’ संयुक्त राष्ट्र मिशन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन 2010 के पहले का ही एक मिशन है. इसमें पाकिस्तान के बाद 2,000 कर्मियों के साथ भारत दूसरा सबसे बड़ा सैन्य योगदानकर्ता है. भारतीय सैनिकों को 1960 से संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के रूप में डीआरसी में तैनात किया है. नवीनतम घातक घटनाओं के साथ भारत ने मध्य अफ्रीकी राष्ट्र में 53 सैनिकों को खो दिया है. पूर्वी कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के खिलाफ दो दिनों से चल रहे प्रदर्शनों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है तथा कई घायल हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने पुष्टि की कि नॉर्थ कीवु प्रांत के बुटेम्बो में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा बल के साथ काम कर रहे एक शांति रक्षक तथा दो अंतरराष्ट्रीय पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है तथा एक अन्य घायल हो गया है. उसने बताया कि हिंसक हमलावरों ने हथियार छीने और गोलियां चला दीं. हमलावरों ने संयुक्त राष्ट्र बल के अड्डों पर फिर से हमला किया. बाद में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई।