जाम व ई रिक्शा पर कोर्ट में काउंटर किया दाखिल,
मेरठ / ई रिक्शाओं की वजह से लगाने वाले जाम की समस्याओं को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी की जनहित याचिका को लेकर चल रही सुनवाई के मददे नजर बुधवार को मेरठ टैÑफिक पुलिस ने हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। इसको लेकर दायर किए गए काउंटर में बताया गया है कि इस संबंध में काफी काम हुआ है। और आगे भी काम जारी है। कई प्लान पर काम किया जा रहा है। कोशिश यही की जा रही है कि ई रिक्शा से जुड़ी खामियों को दूर किया जाए।
आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज कुमार चौधरी निवासी मिशन कंपाउंड थापर नगर ने ई रिक्शा की बढ़ती मुसीबतों के चलते इसके लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदारी ठहराते हुए एक जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। मनोज का आरोप था कि हजारों की संख्या में ई रिक्शा फरार्टा भरकर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को पलीता लगा रहे हैं। न तो प्रशासन की ओर से इनको लेकर कोई प्लानिंग की गई और न ही आरटीओ व ट्रेफिक पुलिस द्वारा। जनहित याचिका स्वीकार होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। काउंटर दाखिल करने के लिए कोर्ट से समय मांगा गया। 20 सितंबर का समय मिला लेकिन कोर्ट न लगने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 अक्टूबर का समय जवाब दाखिल करने का निर्धारित किया। प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई। बुधवार को मेरठ प्रशासन की ओर से अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया। प्रशासन ने अपने जवाब में जिलाधिकारी मेरठ द्वारा 20 जून को ई रिक्शा के संबंध में दिए गए निदेर्शों का हवाला दिया। 12 सितंबर को एसपी ट्रैफिक की ओर से रूट निर्धारित की जो व्यवस्था तैयार की गई, उसके बारे में बताया गया। यही नहीं रूट निर्धारित के लिए जो गाइड लाइन तैयार की गई है, उसका भी पूरा विवरण दिया गया है। उधर, आरटीआई कार्यकर्ता मनोज चौधरी का कहना है कि प्रशासन ने काउंटर दाखिल किया है। कई तरह की खामियां दिख रही है। 25 अक्टूबर से कोर्ट में छुट्टी हो रही हैं, इसलिए वह दीवाली की छुट्टी खत्म होने के बाद रिजॉइंडर दाखिल करेंगे।