संविदा का एलान ए जंग,
मेरठ/निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने आरपार की जंग का एलान कर दिया है। हालांकि यह भी एलान किया कि प्रयागराज में महाकुंभ तक कोई आन्दोलन नहीं होगा, लेकिन 23 फरवरी को राष्ट्रीय स्तर पर बड़े आन्दोलन का निर्णय लिया जाएगा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर सोमवार पीवीवीएनएल के मेरठ समेत को प्रदेश भर में बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किए। संघर्ष समिति ने कहा है कि विरोध प्रदर्शनों का कार्यक्रम सिलसिल अब थमेगा नहीं।
संघर्ष समिति मेरठ के पदाधिकारियों इं. सीपी सिंह, इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, दिलमणि, मांगेराम, दीपक कश्यप, प्रदीप दरोगा, भूपेंद्र, कासिफ आदि ने कहा कि निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रूपरेखा आगामी 23 फरवरी को नागपुर में नेशनल कोआॅर्डिनेशन कमेटी आॅफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के अखिल भारतीय सम्मेलन में तय की जाएगी। नागपुर में होने वाले नेशनल कोआॅर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के सम्मेलन में देश के सभी बिजली कर्मियों के फेडरेशन के सभी प्रांतों के पदाधिकारी आएंगे। प्रदेश में चल रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में इस सम्मेलन में राष्ट्रव्यापी आंदोलन का फैसला लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ के निजीकरण से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है और उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार अवैधानिक ढंग से बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया चलाई जा रही है उससे देश भर के 27 लाख बिजली कर्मी बहुत उद्वेलित है। विद्युत जानपद मण्डल प्रांगण, ऊर्जा भवन कार्यालय में विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की।