कहीं की नहीं रहीं आरती भट्टल, उनकी अति महत्वकांक्षा ने उन्हें ही नहीं बल्कि उनके प्रेमी की भी जिंदगी बर्बाद कर दी जो इन दिनों सलाखों के पीछे है। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय मोदीपुरम मेरठ की प्रबंध परिषद ने आरती भट्टल को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उन पर डीन प्रोफेसर राजबीर सिंह पर जानलेवा हमले की साजिश का आरोप है। इसके अलावा बैठक में उद्यान विभाग के प्राध्यापक डॉ. योगेश प्रसाद को भी बर्खास्तगी समेत 12 बिंदुओं को प्रबंध परिषद ने हरी झंडी दी। बकौल कुलपति डॉ. आरके मित्तल विवि हास्पिटल में 40 हजार प्रतिमाह के आधार पर अंशकालिक चिकित्सक के पद पर कार्यरत डॉ. देशराज सिंह की सेवा 11 माह बढ़ाने, रविन्द्र पाल सिंह सेवानिवृत्त अपर निदेशक अभियोजन को विवि के विभिन्न कार्यों के सम्पादन में परामर्श के लिए 25 हजार प्रतिमाह मानदेय के आधार पर तीन माह के लिए अनुबंध को भी मंजूरी दी गई। कालीचरण शर्मा, लेखाकार को मानदेय के आधार पर तीन माह के लिए 25 हजार प्रति माह के अन्तर्गत विस्तार के लिए प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव को प्रबंध परिषद ने हरी झंडी दी। बैठक की अध्यक्षता कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने की। बैठक् में सहायक महानिदेशक, आईसीएआर डॉ. सीमा जग्गी, डॉ. अमरनाथ मिश्रा, अतुल कुमार सिंह, डॉ. आरके गुप्ता, डॉ. ब्रजवीर सिंह, निखिल कुमार त्यागी, मनोहर सिंह तोमर, सुमन त्यागी, लक्ष्मी मिश्रा आदि मौजूद रहे।
कृषि विवि के वेटनरी कॉलेज के डीन प्रोफेसर राजबीर सिंह पर 11 मार्च को बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं। गंभीर घायल डीन लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे। इस मामलीे में पुलिस ने बिल्डर अनिल बालियान, शूटर मुनेंद्र बाना, आशु चड्ढा और नदीम को गिरफ्तार कर सनसनीखेज खुलासा किया था। पुलिस का दावा था कि प्रोफेसर आरती भटेले ने डीन बनने के लिए प्रोफेसर राजबीर सिंह पर हमला कराया। तभी से पुलिस को आरती की तलाश है। विवि के कुलपति ने प्रबंध परिषद की मंजूरी की प्रत्याशा में आरती भटेले को निलंबित कर दिया था। अब इस पर मोहर लग गई है।