देवी सरस्वती की महिमा का बखान, शास्त्री नगर मेरठ में डॉ .राम प्रकाश शास्त्री ने आज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर विद्या की देवी सरस्वती की महिमा बताते हुए कहा …….
प्रथमे न अर्जिते विद्या
द्वितीय नअर्जिते धनम
तृतीय नअर्जिते पुण्यम्
चतुर्थे किं करिष्यसि
जीवन के प्रथम अवस्था में जिसने विद्या नहीं कमाई दूसरे अवस्था में जिसने धन नहीं कमाया तीसरी अवस्था में जिसने पुण्य नहीं कमाया वह चतुर्थ अवस्था में भला क्या कर सकता है?
अतः विद्या धनम सर्व धनं प्रधानम् ॥
इसलिए सब प्रकार से विद्या रूपी धन को अर्जित करना चाहिए ।
मार्कंडेय पुराण के अनुसार भगवान श्री वेदव्यास जी कहते हैं कि घर परिवार समाज रिश्तेदार यह सब प्राणी का त्याग कर सकते हैं परंतु विद्या धन प्राणी का सदैव साथ देता है।
विद्या से विभूषित मानव देश में हो परदेस में हो कहीं भी हो अपनी विद्या के द्वारा सम्मान और संपदा दोनों को प्राप्त कर लेता है ।
तभी तो कहा है स्वदेशे पूज्यते राजा
विद्वानं सर्वत्र पूज्यते
बच्चों को दे शिक्षा
डा. राम प्रकाश शास्त्री आजकल बच्चों में आ रही पाश्चात्य संस्कृति व सभ्यता को लेकर भी खासे चिंतित हैं। उन्होंने सभी सनातन धर्मी व अन्य हिन्दू अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों को मंदिर अवश्य लेकर जाएं। उन्हें मंदिर ले जाकर मस्तक पर टीका अवश्य लगाएं। बच्चों को सिखाएं कि संकट काल में श्री हरी या फिर नारायण-नारायण का जाप अवश्य करें
घर में प्रतिमा स्थापना निषेध
डा. राम प्रकाश शास्त्री ने कुछ हिन्दू परिवारों द्वारा घर में देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित किए जाने को भी उचित नहीं बताया है। उनका कहना है कि जिस प्रकार से मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत देवी देवताओं की प्रतिमा की देखभाल की जाती है, वैसी व्यवस्था बनाना घर में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि घर में देवी देवताओं की प्रतिमा रखने से वास्तु दोष पैदा होता है। दरिद्रता आती है। इससे बचना चाहिए।
डॉ. रामप्रकाश शास्त्री M.9412204889