डिमांड बढ़ी तो हांफने लगा बिजली सिस्टम

डिमांड बढ़ी तो हांफने लगा बिजली सिस्टम
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डिमांड बढ़ी तो हांफने लगा बिजली सिस्टम,

अंधाधुंध बिजली कटौती से छलक सकता है लोगों के सब्र का पैमाना

बेगमपुल समेत शहर के कई इलाकों में जबरदस्त बिजली कटौती

मेरठ। शहर में बिजली की डिमांड बढ़ी तो जनपद में पीवीवीएनएल का सप्लाई सिस्टम हांफने लगा। एकाएक ट्रांसफार्मरों में आग और हाइटेंशन वायर टूटने की घटनाओं में इजाफा होने लगा। दो दिन से बेगमपुल इलाके की हालत खराब है। बेगमपुल बिजलीघर मे बड़ा फाल्ट होने से मंगलवार और बुधवार दो दिन से हालात बद से बदत्तर हो गए हैं।   इससे सटे पीएल शर्मा रोड, तिलक रोड, बेगमपुल व सोतीगंज मार्केट तथा आबूलेन पर इंन्वर्टर बोल गए हैं। एक तो जानलेवा गर्मी उस पर जैनरेटर का शोर लोगों को बीमार करने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है। हालांकि अब जैनरेटर बहुत कम रह गए हैं, ज्यादातर के यहां इन्वर्टर हैं, लेकिन लोगां का कहना है कि इन्वर्टर चार्ज करने के लिए भी तो बिजली मिलनी चाहिए, जब बिजली आएगी ही नहीं तो फिर इन्वर्टर कैसे चार्ज होगा। बेगमपुल व्यापार संघ के अध्यक्ष पुनीत शर्मा ने बताया कि बिजली की अघोषित कटौती से क्षेत्र के व्यापारियों में जबरदस्त नाराजगी है। उन्होंने इसको लेकर जेई से भी बात की, लेकिन हालात में कुछ भी सुधार नहीं हो पा रहा है। अब तो इस इलाके के व्यापारी बिजली अफसरों के खिलाफ सड़कों पर उतरने की बात कहने लगे हैं। हालात संभालना व लोगों का समझाना मुसीबत बन गया है। लोगों की भी गलती नहीं एक तो गर्मी उस पर बिजली की अंधाधुंध कटौती, करें भी तो क्या करें। दरअसल हुआ यह कि मई का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद एकाएक आयी भीषण गर्मी में मेरठ में बिजली की डिमांड दोगुनी हो गई है. आलम ये है कि शहर से देहात तक कई-कई घंटे की कटौती की जा रही है. देहात के इलाके में सबसे ज्यादा दिक्कतें हैं. कहीं जर्जर तार डैमेज हो रहे हैं तो कहीं केबिल बॉक्स तो कहीं ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं या खराब हो रहे हैं. भीषण गर्मी से लोग पसीना-पसीना हैं और रही सही कसर कटौती ने पूरी कर दी है. मेरठ में बिजली की डिमांड बढ़कर 1100 मेगावाट हो गई है। गर्मी से बेहाल हाल लोगों के सब्र का पैमाना कभी भी छलक सकता है। जगह-जगह ट्रांसफार्मर फूंक रहे हैं। बिजली संकट को लेकर एक दिन पहले आम आदमी पार्टी भी प्रदर्शन कर चुकी है। आप नेताओं का कहना है कि  उत्तर प्रदेश में 27000 मेगावाट बिजली की जरूरत है और मात्र 4 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। 23 हजार मेगावाट बिजली बाहर से खरीदी जा रही है। उसके बाबजूद 10-12 घंटे की बिजली कटौती होती है। अघोषित बिजली कटौती से लोग बेहद परेशान है। बिजली विभाग में वर्तमान में 1 लाख कर्मचारियों की जरूरत है लेकिन मात्र 34 हजार कर्मचारी बिजली विभाग में कार्यरत हैं।

वर्जन

काम चल रहा है और कुछ नहीं

 135 करोड़ की बिजनेस प्लान योजना के तहत पीवीवीएनएल के सभी चौदह जनपदों में काम चल रहा है। उसकी वजह कई बार पीक आवर में शट डाउन लेना पड़ता है। बिजली भरपूर है। कटौती नहीं की जा रही है। लोग थोड़ा सहयोग करें व संयम बनाए रखें। चीफ नगरीय धीरज सिन्हा

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