सदर जैन मंदिर को लेकर समाज में नाराजगी,
मेरठ के सदर दुर्गाबाड़ी स्थित चार शताब्दी पुराने 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर को लेकर अब समाज में बेचैनी साफ देखी जा सकती है। समाज के तमाम प्रबुद्ध लोग सवालिया भरी नजरों से एक दूसरे से पूछ रहे हैं कि मंदिर को दिए जाने वाले से अपने कारोबार चमकाने वालों को कानून कब सलाखों के पीछे भेजेगा। 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में प्रति दिन सुबह के वक्त भारी संख्या में समाज के लोग आते हैं। इस दौरान यदि किसी बात की चर्चा होती है तो इस इतनी कि जिन्होंने मंदिर जी का सौ किलो सोना और एक हजार किलो चांदी लूट ली है जिनका पर्दाफाश करने का काम ऋभष एकाडेमी के सचिव सीए डा. संजय जैन ने किया है, मंदिर को लूटने वाले ऐसे तत्वों के खिलाफ पुलिस प्रशासन कब कार्रवाई करेगा। एक अनुमान के 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर दुर्गाबाड़ी में करीब पंद्रह सौ सदस्य हैं। जानकारों का कहना है कि इनमें से 1480 समाज के ऐसे लोग हैं, जिनकी एडीजी, कमिश्नर, आईजी, डीएम व एसएसपी से मांग है कि जिन्होंने इस चार सौ साल पुराने सदर जैन समाज को दान में मिले सोना चांदी के अलावा मकान सरीखी संपत्तियां खुदबुर्द करने का काम किया है, उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए। समाज को यह बताया जाए कि अब तक कितना सोना दान में इस मंदिर को मिला है। धर्मप्रेमी बंधुओं ने कितनी अन्य संपत्ति दान में दी है। वह सब चीजे कहां है और ऐसे कौन-कौन तत्व हैं जिन्होंने अपने कारोबार को चमकाने के लिए मंदिर को मिले सोने का प्रयोग किया है। सदर जैन समाज के कुछ लोगों का तो यहां तक पूछना है कि जो मंदिर पर अब तक काविज रहे हैं वो बताए कि मंदिर समिति के चुनाव के नाम पर क्यों और किसको लाभ पहुंचाने के लिए घालमेल किए गए। चुनाव को पूरा ब्योरा बार-बार मांगे जाने के बाद भी डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां दाखिल क्यों नहीं किया जा सका। डिप्टी रजिस्ट्रार को एडीजी की जांच में यह क्यों लिखकर भेजना पड़ा कि जो लोग मंदिर पर खुद को काविज बता रहे हैं उनका तथा उनके द्वारा कथित रूप से कराए गए चुनाव को कोई वैध ब्योरा जमा नहीं किया गया है। सदर जैन समाज का कहना है कि ऐसा क्या कारण था जो शोभायात्रा से पहले पंच चुन लिए गए। किसने यह अधिकार दिया और फिर चुनाव के नाम पर जो पूर्व में सूचना डिप्टी रजिस्ट्रार को भेजी गयी, उस पत्र पर जिन्हाेंने हस्ताक्षर किए हैं एडीजी द्वारा सीओ सदर की मार्फत करायी जा रही जांच में उन्होंने अपने हस्ताक्षर न हाेने की बात क्यों कही।सदर जैन समाज का कहना है कि जो सवाल ऋषभ एकाडेमी के सचिव डा. संजय जैन ने उठाए हैं उनका उत्तर मिलना चाहिए। मंदिर के गुनाहगारों को सजा मिलनी चाहिए।
यह कहना है ऋषभ के सचिव सीए डा. संजय जैन का
इस संबंध में जब ऋषभ के सचिव सीए डा. संजय जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि वह सत्य की मार्ग पर हैं, 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर सदर दुर्गाबाड़ी में जो गलत हुआ है, वह सहीं किया जाए। वह किसी ने निजी विद्वेष नहीं रखते हैं, लेकिन मंदिर को लेकर जो कुछ सुनने में आ रहा है उस पर चुप भी नहीं रह सकते। मंदिर सदर जैन समाज की आस्था का प्रतीक है। मंदिर से बढ़कर कोई नहीं। वह केवल सदर जैन समाज की आवाज बने हैं। इससे अधिक निहितार्थ निकलाने अनुचित होगा। चीजें जब तक सहीं नहीं हो जाती वह चुप बैठने वाले नहीं। उनकी आवाज को शांत नहीं किया जा सकता।