- डीएम व एसएसपी आॅफिस फिर भी ऐसा बुरा हाल…
-कोआपरेटिव बैंक से लेकर कमिश्नरी पार्क का 40 मीटर का छोटा रास्ता बना है बडेÞ इलाके की मुसीबत
मेरठ
वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित को-आॅपटरेटिव बैंक से लेकर कमिश्नरी पार्क तक का महज चालीस मीटर का एक छोटा सा रास्ता आसपास के बड़े इलाके में भयंकर जाम की वजह बना हुआ है। यहां लगाने वाले जाम की वजह से केवल कमिश्नरी या सिविल लाइन ही नहीं बल्कि समीप के बडेÞ इलाके में इन दिनों जाम की मुसीबत बरपा है। रविवार या छुट्टी वाले दिन को यदि अपवाद मान लिया जाए तो इस चालिस मीटर के रास्ते की वजह से वर्किंग डे मसलन जब कचहरी व कलेक्ट्रेट खुलते हैं दो चार घंटे नहीं पूरे दिन जाम सरीखे हालात बने रहते हैं। इस जाम का साइड इफैक्ट आसपास के इलाकों में पड़ता है। गुरूवार को इसका एक और साइड इफैक्ट देने को मिला। हुआ यह कि सीओ टैÑफिक को एक बड़े न्यायिक अधिकारी ने कचहरी के आसपास लगने वाले जाम को लेकर तलब कर लिया। न्यायिक अधिकारी को बताया गया कि जाम की वजह कहचरी गे मेरठ कालेज वाले गेट की पार्किंग है। हुकूम हुआ कि मुसीबत की वजह पर कार्रवाई की जाए। कार्रवाई की बारी आयी तो वहां पर कानून के मुहाफिज आस्तीन चढ़ाकर आ धमके। नतीजा यह हुआ कि कार्रवाई के बजाए कदम पीछे हटाने पडेÞ। महज दायरे में वाहनों की पार्किंग करने की हिदायत देकर वापस लौटना पड़ा।
ये इलाके हैं ज्यादा प्रभावित
1-कमिश्नरी पार्क चौराहा
2-नगरायुक्त कैंप कार्यालय से वाया एसएसपी आफिस अंबेडकर चौराहा
3-नेहरू रोड से मेघदूत पुलिस व सुभाष नगर
4-विजय नगर व बेगमबाग की गलियां
5-पीएल शर्मा रोड का बेगमपुल चौराहा तक का रास्ता
6-डीएम कंपाउंड व एडीएम सिटी के आॅफिस के सामने
पार्किंग का फैलता दायर
इस सारे मुसीबत की यदि जड़ की बात करें तो कचहरी के बाहर मेरठ कॉलेज वाले गेट पर जो पार्किंग है वो इसकी बड़ी वजह है। कोआॅपरेटिव बैंक के सामने से लेकर कमिश्नरी पार्क तक के रास्ते की चौड़ाई करीब चालिस फुट है। यहां से गुजरने वाले टैÑफिक की यदि बात करें तो इस पार्किंग की वजह से यह चौड़ाई घटकर दस से पंद्रह फुट रह गयी है। पार्किंग ठेकेदार को जहां तक की जगह वाहन पार्क करने के लिए दी गयी है, उससे भी इतर रोड तक गड़ियां पार्क कर देते हैं। आधे से ज्याद रोड ठेकेदार पार्किंग को भेंट चढ़ा देता है। जिसकी वजह से यह रास्ता संकरा हो गया है। ऐसे में दिन भर यदि जाम नहीं लगेगा तो और क्या होगा।
अलग-अलग है लोगों की राय
कचहरी और आसपास लगाने वाले जाम को लेकर इस संवाददाता ने कुछ लोगों से बातचीत की। सबकी अलग-अलग राय है। कुछ का कहना है कि पार्किंग हटा दी जाए कुछ कहते हैं कि वन वे कर दिया जाए। एक राय यह भी है कि कारों की आवाजाही सीमित की जाए।
पार्किग हो कायदे से
व्यापारी नेता विपुल सिंहल का कहना है कि जाम की वजह से कई बार जहां जाना होता है, वहां लेट हो जाते हैं। इसलिए कचहरी के गेट पर पार्किंग कायदे से हो। सड़क ना घेरी जाए, दायरे में वाहन खडेÞ कराएं।
जिम्मेदारी प्रशासन की
व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल का कहना है कि देश को आजाद हुए सत्तर साल बीत चुके हैं। कचहरी ही नहीं पूरे शहर में जाम की समस्या है। प्रशासन की जिम्मेदारी है पार्किंग स्थल बनाने की।
पुलिस रहे मुस्तैद
सीनियर अधिवक्ता वीरेन्द्र वर्मा का कहना है कि कचहरी में लोग आएंगे तो गाड़ियां भी आएंगी। गाड़ियां आने की कई बेहद जरूरी वजह भी होती हैं। इसलिए पुलिस को मुस्तैदी से डयूटी करनी चाहिए ताकि जाम ना लगे।
अक्सर होते हैं लेट
पीएल शर्मा रोड पर ग्लेक्सी के नाम से कंप्यूटर शोरूम चलाने वाले संजय गुप्ता का कहना है कि कहचरी व आसपास लगने वाले जाम की वजह से अक्सर प्रतिष्ठान पर जाने के लिए लेट हो जाते हैं। परेशानी तो है।
माल रोड के जाम का कारण
कैंट बोर्ड की पूर्व उपाध्यक्ष बीना वाधवा का कहना है कि माल रोड पर लगाने वाले जाम की वजह से कचहरी के आसपास लगाने वाला जाम है। केवल माल रोड ही नहीं आसपास के इलाके भी इससे प्रभावित हैं।
रास्ता निकालना प्रशासन का काम
कचहरी में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता शक्ति सिंह का कहना है कि अक्सर जाम की वजह से तारीख पर आने वाले देरी से पहुंचते हैं। यह एक बड़ी समस्या है। प्रशासन, पुलिस व वकील बातचीत से इसका समाधान करें।