डीएन यादव लेंगे अवैध निर्माणों की खबर, कैंट बोर्ड प्रशासन के उच्च पदस्थ अधिकारियों की छत्रछाया में हरे भरे मेरठ कैंट को कंकरीट का जंगल बनाने वालों की खबर ली जाएगी। सीईओ मेरठ कैंट के तौर पर अपने कार्यकाल में अवैध निर्माणों पर कहर बनकर टूटने वाले डायरेक्टर मध्य कमान लखनऊ के रविवार मेरठ कैंट पहुंच रहे हैं।
दरअसल अवैध निर्माणों की ताबड़तोड़ शिकायतों को महानिदेशक रक्षा संपदा ने गंभीरता से लिया है। महानिदेशालय कार्यालय ने इसकी जांच पीडी मध्य कमान लखनऊ को सौंपी है। मध्य कमान से जांच के लिए अवैध निर्माणों को लेकर बेहद सख्त रहे डीएन यादव को भेजा गया है। बताया गया है कि जो डीएन यादव के रडार पर साल 2019 से लेकर अब तक यानि साल 2022 तक जितने भी अवैध निर्माण हुए हैं वो सभी तो रहेंगे ही। सुनने में आया है कि दो दिन मेरठ कैंट प्रवास के दौरान डीएन यादव उन बंगलों को जरूर खंगालेंगे जहां उन्होंने अपने कार्यकाल में अवैध निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं लगने दी। अवैध निर्माणों की यदि बात की जाए तो बंगला 177 के अवैध निर्माण कैंट बोर्ड को सबसे ज्यादा मुंह चिढ़ाता नजर आता है। हैरानी की बात तो यह है कि सील लगाए जाने के बाद भी अवैध निर्माण हो गया। इससे पता चलता है कि कैंट के उच्च पदस्थ अफसर कैसी डयूटी कर रहे हैं। इसके अलावा बंगला 210-बी के अवैध निर्माण इसके पूरे ध्वस्तीकरण के हाईकोर्ट के आदेश हैं, लेकिन बजाए ध्वस्तीकरण के अवैध निर्माण करा दिए गए। चैपल स्ट्रीट बंगला-86-87, बंगला 167, 199, 202, 207, 176, के अलावा अन्य अवैध निर्माणों में स्वराज पथ, तिलक पार्क, कैंट बोर्ड से चंद कदम की दूरी पर रजबन पैट्राेल पंप के पीछे दो मंजिला अवैध निर्माण, सदर ढोलकी मोहल्ला सरीखे ऐसे करीब दो से तीन सौ तक अवैध निर्माण बताए जाते हैं जिनकी शिकायतें अगल-अलग लोगों द्वारा की गयी हैं। जिनकी जांच के लिए डीएन यादव को भेजा गया है। डीएन यादव के कार्यकाल को याद कर आज भी कैंट बोर्ड के कंकरीट का जंगल तैयार कराने वाले कर्मचारी सिहर उठते हैं। डीएन यादव ने पहरा जो बैठा दिया था।