डा. नौसरान की 432 किमी साइक्लिंग

डा. नौसरान की 432 किमी साइक्लिंग
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डा. नौसरान की 432 किमी साइक्लिंग, विश्व साइकिल दिवस की पूर्व संध्या पर सांसद  राजेंद्र अग्रवाल  ने मेरठ के आईएमए हॉल से हरी झंडी दिखाकर आईएमए के पूर्व सचिव डा. अनिल नाैसरान को रवाना किया। इस दौरान डा. नौसरा ने 432 किलोमीटर की यात्रा की एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राएं  पल्लवपुरम तक छोड़ने आए।  साइकिल यात्रा मुजफ्फरनगर रुड़की हाईवे पर पहुंची। इस दौरान छपार में पानी पिया, रुड़की बाईपास रोड से होते हुए हरिद्वार पहुंच कर अपने आप को हाइड्रेट किया। सुबह 3:00 बजे देहरादून में एंट्री ली। साइकिल चलाते-चलाते मैं घंटाघर देहरादून पहुंचे। इंडियन मिलिट्री एकेडमी के सामने से होते हुए हरबर्टपुर होते हुए मैं हिमाचल प्रदेश में पोंटा साहिब गुरद्वारा पहुंचे। वहां मत्था टेका।  उसके तुरंत बाद ही मैंने वहां से अपनी वापसी की यात्रा शुरू की । पांवटा साहिब एक नदी के किनारे स्थित है और यहीं से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाएं लगती है। वापसी यात्रा को करते हुए फिर धर्मापुर की ओर बढ़े थोड़ा चढ़ाई थी लेकिन बहुत हरियाली थी और ठंडक थी।  वहां एक छोटे से ढाबे पर पानी को देख कर रुके। धर्मापुर से मैं सहारनपुर रोड पकड़ कर अपनी यात्रा को बढ़ाया। लगभग 10 किलोमीटर चढ़ाई थी। लेकिन जब यह चढ़ाई खत्म हो गई उसके बाद ढलान शुरू हुआ और ढलान के साथ-साथ गर्मी अपने चरम पर थी और मैं धीरे-धीरे अपने गंतव्य की ओर बढ़ता हुआ चला जा रहा था। गर्मी को बर्दाश्त करते हुए, गर्मी से लड़ते हुए अपने आप को हाइड्रेट करते हैं ग्लूकोज का पानी पीते हुए मिर्जापुर होते हुए बेहट पहुंचे यहां से लगभग 27 किलोमीटर सहारनपुर है । वह आईएमए हॉल सहारनपुर पहुंचे। वहां स्वागत के लिए वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर सुदर्शन नागपाल , प्रेम तोमर और ढेर सारे बच्चे उपस्थित थे। सभी ने मेरा फूल माला पहनाकर, पुष्पगुच्छ देकर मेरा स्वागत किया। लगभग 1:45 बजे सहारनपुर से चलकर अपने जन्म स्थान गांव नागल पहुंचे। फिर वह 3:45 बजे उठे। 6:15 बजे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ महावीर सिंह फौजदार के कार्यालय पहुंचे।  लगभग 7:30 बजे मैंने अपनी मेरठ के लिए यात्रा शुरू की। समापन काली पलटन पर हुआ।

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