डा. बाजपेयी ने जताया आभार, हिन्दू नववर्ष के मौके पर राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने देश भर के उन लोगों को जो दूर दराज रहते हुए कोर्ट कचहरी के चक्कर नहीं लगा सकते और इसकी वजह से कई बार न्याय से भी वंचित रह जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डा. वाजपेयी के आग्रह पर केंद्रीय कानूनी मंत्री किरण रिजिजू ने एक बड़ी राहत किया है। इसके बाद अब कोई भी शख्स व उसके वकील व पैरोकारों को दूर दराज स्थित कोर्ट के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। ऐसा डा. बाजपेयी के प्रयास से ही संभव हो सका है। दरअसल सांसद डा. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने विगत 30 नवंबर 2022 को एक पत्र केंद्रीय कानून मंत्री को सौंपते हुए पीएम मोदी के कोरोना काल में दिए गए उनके आपदा में अवसर तलाशने के वक्तव्य की याद दिलाते हुए वादकारी का हित सर्वोच्च मानते हुए अपने जिला से वर्चुअल माध्यम से हाईकोर्ट में अपने वकील के माध्यम से बहस करा सके और जमानत भी प्राप्त कर सके। वाद की स्वीकार्यता पर भी वर्चुअल माध्यम से बहस संभव हो। डा. बाजपेयी ने बताया कि वह ऐसी व्यवस्था चाहते थे जिसमें हाईकोर्ट से एक लिंक संबंधित वादकारी को उसके ही जिले में मिल सके। जिस पर उसके वकील बहस कर सकें। इससे वादकारी और अदालत दोनों का समय बचेगा और दूर दराज स्थित हाईकोर्ट में जाने की भी जरूरत समाप्त हो जाएगी। इस साल 9 मार्च को केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिरिजू ने देश भर के हाईकोर्ट को इस आश्य की व्यवस्था बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार देश भर में 44 सौ ई कोर्ट शुरू करने का निर्णय पहले ही ले चुकी है। इसके लिए पीएम मोदी व केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू का आभार जताते हुए डा. बाजपेयी ने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद जहां वादकारियों का पैसा व समय बचेगा वहीं दूसरी ओर विचारधीन बंदियों को लाने ले जाने का समय व उसमें होने वाला व्यय भी बच सकेगा। यूपी भाजपा का बड़ा ब्राह्मण चेहरा मेरठ के डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी सांसद की इस प्रयास का स्वागत तमाम सीनियर अधिवक्ताओं ने भी किया है। उन्होंने इसके लिए आभार जताते हुए इसको शानदार बताया है। कैंट बोर्ड की निवर्तमान उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने इस व्यवस्था को कराए जाने के लिए राज्यसभा सांसद डा. बाजपेयी का मेरठ वासियों की ओर से आभार जताया है।