डॉ. जितेंद्र सिंह ‘मेंटर ऑफ द ईयर’,
लखनऊ/ केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग तथा कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को आज राजधानी लखनऊ में अमेरिकन कॉलेज ऑफ फिजिशियन ( एसीपी ) इंडिया चैप्टर के 9वें वार्षिक सम्मेलन में मेंटर ऑफ द ईयर का पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया यह स्वीकार कर चुकी है कि भारत अब स्वास्थय के क्षेत्र में अनुसंधान के मामले में पूरे विश्व का नेतृत्व कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत ने मेडिकल हेल्थ अनुसंधान और शिक्षा के मामले में असाधारण योगदान दिया है।डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा भारत विभिन्न रोगों से संबंधित विभिन्न अनुसंधानों में अग्रणी है, क्योंकि भारत में रोगों की रोकथाम के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, जिसका अनुसरण अन्य देश भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के बीच सहयोग की आवश्यकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष को प्राईवेट सेक्टर के निवेश के लिये खोला गया जिससे भारत को लगभग 1000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ, 200 से ज्यादा संयुक्त साझेदारी की खोज को बल मिला और साथ ही स्पेस से जुड़े स्टार्ट अप की संख्या में शुरु हुये। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुक्ला के अपने अमेरिकी और अन्य समकक्षों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के अभियान में शामिल होने का उल्लेख किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि एड्स और कोविड जैसी महामारी के बाद भारत गैर-संचारी रोगों में वृद्धि का अनुभव कर रहा है, लेकिन संचारी रोग भी साथ-साथ जारी हैं, जबकि पश्चिमी देश जो पहले गैर-संचारी रोगों का अधिक सामना करते थे, अब संक्रामक रोगों का भी सामना कर रहे हैं।
डा.सिंह ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच स्वास्थय अनुसंधान के क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग से दुनिया को बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का स्वास्थय विज्ञान सस्ता,सुगम और पारम्परिक है जिससे अमेरिका को सहयोग मिल सकता है। उन्होंने कहा कि हमे पूरी कोशिश करनी चाहिए कि देश का युवा बीमार न पड़े क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य युवाओं से ही पूरा होगा ।