सवालों से बिजली अफसरों के दिमाग की बत्ती गुल/ मेरठ। जनता से जुडे सवाल जब जनता के नुमांइदों ने पूछने शुरू किए तो पीवीवीएनएल के अफसरों के दिमाग की बत्ती गुल हो गयी। वो एक सवाल का उत्तर सलीके से नहीं दे पाए। इससे अंदाजा लगा लीजिए की महकमा कैसे चलाया जा रहा है। दरअसल बुधवार को जिला विद्युत समिति की बैठक थी। इस बैठक में तमाम अफसरों के दिमाग की बत्ती गुल हो गयी थी।
246 ट्रांसफार्मर चोरी
देहात क्षेत्र में 246 ट्रांसफार्मर चोरी हो चुके हैं और हैरानी देखिये कि पीवीवीएनएल अफसर बजाए मामले की पैरवी के हाथ बांधे बैठे हैं। एयरकंडीशन आॅफिस से निकलने को तैयार नहीं है। ऐसा क्यों किया जा रहा है इसका भी कोई उत्तर उनके पास नहीं है। दरअसल बुधवार को जिला विद्युत समिति की बैठक थी। इसमें सांसद अरुण गोविल व डा. राजकुमार सांगवान, ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, जिलाधिकारी दीपक मीणा तथा पीवीवीएनएल के अफसर मौजूद थे। बिजली संबंधित समस्याओं को लेकर महकमे के राज्यमंत्री व जन प्रतिनिधियों ने जितने भी सवाल पूछे अफसरों पर किसी का भी उत्तर नहीं था। ऐसा लगा मानों कि उनका फ्यूज इन सवालों ने उड़ा दिया हो। उनका रवैया देखकर तमाम जन प्रतिनिधियों की पेशानी पर बल पड़ गए। सांसद अरुण गोविल ने पूछा कि सांसद अरुण गोविल ने पूछा कि देहात क्षेत्र में 246 ट्रांसफार्मर चोरी हो गए और पैरवी क्यों नहीं की जा रही है। जवाब नहीं मिला। सांसद अरुण गोविल ने पूछा कि इस साल कितने हादसे हुए और कितनों को मुआवजा दिया गया। बिजली विभाग के मुख्य अभियंता ने बताया कि 37 कुल हादसे हुए है। जिनमें से 17 को मुआवजा दे दिया गया। 20 के बारे में पूछा कि कहां पर बाकी की फाइल अटकी हुई है। अधिकारी नहीं बता सके। बागपत सांसद राजकुमार सागवार ने पूछा कि उन्होंने करीब 10 कालोनियों का प्रस्ताव दिया था कि उनके घरों की छतों से हाईटेंशन लाइन अभी तक क्यों नहीं बदली गई। जिसका जवाब बिजली अधिकारियों के पास नहीं था। राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने पूछा कि 33/11 के जिले में कितने सब स्टेशन बने। इसका भी जवाब नहीं मिला। इसी बीच डीएम ने अधिकारियों से इसका विवरण तलब किया।
बागपत सांसद ने पूछा कि वह हर माह बिल क्यों नहीं भेज रहे हैं। दो माह में बिल भेजे जा रहे हैं। इसका जवाब था कि बिल कुछ कालोनियों में हर माह नहीं जा रहे हैं। अब शुरू हो जाएंगे। अरुण गोविल ने कुल मिलाकर तीन, सोमेंद्र तोमर ने सात, राजकुमार सागवान ने 13, एमएलए अमित अग्रवाल ने चार सवाल बिजली विभाग से पूछे, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी इक्का दुक्का छोड़कर किसी भी सवाल का सही से जवाब नहीं दे पाए। बिजली विभाग की तरफ से बताया गया कि 85 प्रतिशत बिजली बिलों की वसूली की जा रही है और सोलर प्लांट के भी 23 हजार से अधिक आवेदन का चुके हैं। जनप्रतिनिधियों ने बिजली अधिकारियों से 27 सवाल पूछे, लेकिन एक भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए।
नाराज नजर आए ऊर्जा राज्यमंत्री
ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर तो कई बार बैठक में अपने विभाग के अधिकारियों पर भड़क उठे। कहा कि बिजली अधिकारी माह में एक भी बैठक जनप्रतिनिधियों के साथ नहीं करते हैं। करीब एक घंटे चली बैठक में जनप्रतिनिधियों ने पहली बैठक में दिए प्रस्तावों के संबंध में सवाल पूछे लेकिन विभागीय अधिकारी मौन रहे।
डीएम ने दिए आदेश
मुआवजों के संबंध में डीएम ने अधिकारियों से पूछा कि यह यह मामले क्यों लंबित है तो बताया कि अधिकांश पत्रावली तहसील में लंबित है। इस पर डीएम ने कहा कि मुख्य अभियंता या अन्य किसी अधिकारी ने इसकी जानकारी उन्हें दी। यदि समय पर जानकारी दी जा ती तो यह मामले निस्तारित होते। डीएम ने एडीएम प्रशासन को यह मामले निस्तारित कराने के आदेश दिये।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में 23 हजार आवेदन
सीडीओ नूपुर गोयल ने सोलर पैनल ऊर्जा सिस्टम योजना की जानकारी के साथ-साथ पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जानकारी ली तो बताया कि इस योजना में अभी तक 23 हजार आवेदन आए है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से इस योजना में सहयोग की अपील की। सोमेन्द्र तोमर ने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल ऊर्जा सिस्टम लगाया जाए।