सिवाया टोल लूट की छूट

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सिवाया टोल लूट की छूट,

मेरठ/सिवाया टोल प्लाजा पर भारी भरकम टोल वसूली के बाद भी एनएच-58 का मेरठ से होकर गुजरने वाले हाइवे के एक बडेÞ हिस्से पर शाम ढ़लते ही अंधेरा पसर जाता है। इसकी वजह से आए दिन होने वाले हादसों के बाद भी एनएचएआई अफसर बजाए इसकी सुध लेने के अवैध विज्ञापन पटों और हाइवे पर जगह-जगह कराए गए कब्जों से होने वाली अवैध कमाई से जेब भरने में ज्यादा व्यस्त नजर आते हैं। एनएच-58 का रोहटा रोड फ्लाई ओवर से लेकर कंकरखेड़ा फ्लाई ओवर के बीच का हिस्सा ज्यादातर अंधेरे में ही डूबा रहता। इसके बाद जटौली रेलवे क्रासिंग से मोदीपुरम फ्लाई ओवर के बीच का हिस्सा भी महीने में बीस दिन अंधेरे में डूब रहता है। यहां यदा-कदा ही रोड के बीच लगाई लाइटें जलती हैं। अन्यथा यहां से होकर पूरा करने वाला सफर तमाम वाहन अंधेरे में ही पूरा करते हैं। एनएचएआई के स्थानीय प्रशासन के अफसरों की लापरवाही के चलते यहां पसरने वाले अंधेरे के चलते अनेक बार गंभीर हादसे भी हो चुके हैं। बीती 15 जनवरी को जटौली हाइवे पर रात के करीब दो बजे एक बड़ा हादसा हुआ था जिसमें अंधेरे के चलते तीन गाड़ियां आपस में टकरा गई थी। एक गाड़ी में सवार सभी पांच लोग घायल हो गए थे। हादसा का शिकार होने वाली सभी गाड़ियां दिल्ली की ओर जा रही थीं। सूचना पर पुलिस भी पहुंची थी। करीब एक घंटे तक हाइवे का दिल्ली जाने वाला रूट बंद रहा था। पुलिस के रॉग साइड से गाड़ियां निकलवाने के लिए वन वे करना पड़ा था। हादसा लोटस कालोनी के ठीक सामने हुआ था। अंधेरे और बदइंतजामी के चलते ऐसे हादसे आ दिन की बात हो गए हैं। हैरानी तो इस बात की है कि जब भी कोई ऐसा हादसा होता है एनएचएआई या फिर सिवाया टोल संभालने वाले अफसर मौके पर पहुंचने की जहमत उठाना भी गंवारा नहीं करते। इनकी कारगुजारी की कीमत गाड़ी चालक और पुलिस वालों को चुकानी पड़ती है।
टोल फुल सुविधाएं गुल
सिवाया टोल प्लाजा से होकर गुजरने वाले गाड़ियों से भारी भरकम टोल वसूला जाता है। एनएच-58 की बात करें तो इसकी गिनती देख के प्रमुख हाइवे में की जाती है। लेकिन जब सुविधाओं की बारी आती है तो शायद ही देश का कोई दूसरा टोल इससे सुविधाओं के मामले में इससे ज्यादा बदत्तर हो। भारी भरकम टोल देकर हाइवे से इसलिए गुजरते हैं ताकि वक्त बच सके और बगैर किसी रूकवाट के सफर पूरा हो सके। लेकिन एनएच-58 के मेरठ से होकर गुजरने वाली गाड़ियों से सफर की बात करें तो बगैर जाम में फंसे एनएच-58 का सफर पूरा होना संभव ही नहीं है। हाइवे का खडौली का हिस्सा हमेशा जाम रहता है। यहां एनएचएआई अफसरों ने ऊपरी कमाई के चक्कर में अवैध कब्जे करा दिए हैं। मानकों को ताक पर रखक अवैध रूप से होटल बना दिए गए हैं। खडौली का मुस्लिम मीट मार्केट या कहें होटल ढावा मार्केट तो इस हाइवे से गुजरने वाली गाड़ियों के लिए अब नासुर बनता जा रहा है। पीक आवर में तो यहां जाम मिलना तय ही है, इसके अलावा पीक आवर ना भी हो भी एनएचएआई अफसरों की लापरवाही के चलते खडौली इलाके में अक्सर जाम रहता है। खडौली जाम एनएच-58स की प्रमुख समस्या है जिससे एनएचएआई अफसर और उनके नुमाइंदे पूरी तरह गाफिल नजर आते हैं। एनएचएआई प्रशासन की खडौली को लेकर अंजाम दी जा रही कारगुजारी की कीमत या तो यहां जाम में फंसने वाले चुकाते हैं या फिर पुलिस।
काटने लगे हैं अब कन्नी
एनएच-58 पर बदइंतामी का आलम यह है कि अब यहां से गुजरने में कन्नी काटने लगे हैं। तमाम ऐसे लोग हैं जो आगे जाने के लिए मेरठ शहर के वैकल्पिक मसलन ऐसे रास्तों से होकर निकलना पसंद करते हैं जहां आमातौर पर जाम नहीं लगता है। सड़के क्षतिग्रस्त नहीं हैं। स्ट्रीट लाइट का भी माकूल इंतजाम है। जबकि एनएच-58 पर सहूलियतें देने के मामले में एनएचएआई अफसर खासे बदनाम हो चुके हैं।
अफसर बदलते हैं हालात नहीं
एनएच-58 हाइवे पर बदइंतजामी की यदि बात करें तो यहां एनएचएआई के अफसर बदलते रहते हैं लेकिन यहां के हालात नहीं बदलते। अब तो हाइवे व उसके डिवाइडर तथा सर्विस रोड की दशा बद से बदत्तर हो चुकी है। एनएचएआई अफसरों को इतनी फुर्सत नहीं कि हाइवे का मौका ए मुआयना करें। सबसे बुरा हाल सर्विस रोड का है। यहां की सर्विस रोड हादसों को दावत देती नजर आ रही हैं। इसके बाद भी ना कोई देखने वाला ना कोई सुनने वाला।
सर्विस रोड गायब
कंकरखेड़ा से मोदीपुरम फ्लाई ओवर के बीच वाले रास्ते पर तो एनएचएआई सर्विस रोड ही बनाना भूल गया। देश में शायद ही कहीं ऐसा हो जहां एनएचएआई ने सर्विस रोड ना बनायी हो, लेकिन मोदीपुरम वाले फ्लाई ओवर से कंकरखेड़ा की ओर जाने वाले रास्ते फ्लाई ओवर से अंसल कोर्ट यार्ड तक के रास्ते की सर्विस रोड ही गायब है। जानकारों का कहना है कि इसकी यदि जांच करा दी जाए तो इसमें एनएचएआई के इसलिए जिम्मेदार अफसर निश्चित रूप से सलाखों के पीछे होंगे।
टोल पर परले दर्जे की बदइंतजामी
सिवाया टोल प्लाजा की यदि बात की जाए तो वहां भी परले दर्जे की बदइंजामी है। सिवाया टोल प्लाजा पर भारी भरकम टोल वसूलने वाली एनएचएआई हजारों किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यहां से गुजरने वाले गाड़ी वालों के लिए टॉयलेट सुविधा तक नहीं दे पा रहा है। लोगों को खेतों में जाना पड़ता है।

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