पीएम मोदी को पूर्व पीएम की नसीहत, नई दिल्ली: देश के पीएम नरेन्द्र मोदी को पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने नसीहत देते हुए पंजाब के मतदाताओं से विकास के लिए वोट की अपील की है. पंजाब राज्य में 1 जून को मतदान होना प्रस्तावित है. पूर्व पीएम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर नफरत फैलाने वाले भाषण’ देने का आरोप लगाया.पूर्व पीएम ने कहा, ‘उन्होंने (मोदी) मेरे नाम पर कुछ गलत बयान भी दिए. मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया. ऐसा केवल भाजपा ही करती है. भारत के लोग यह सब देख रहे हैं. अमानवीयकरण की यह कहानी अब अपने चरम पर पहुंच गई है. अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्यारे देश को इन फूट डालने वाली ताकतों से बचाएं.’एक लिखित अपील में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पंजाब और पंजाबी योद्धा हैं. हम अपनी त्याग की भावना के लिए जाने जाते हैं. हमारा अदम्य साहस, समावेशिता, सद्भाव, सौहार्द और लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास ही हमारे महान राष्ट्र की रक्षा कर सकता है.’प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मैं इस चुनाव अभियान की राजनीतिक चर्चाओं पर बारीकी से नजर रख रहा हूं. मोदी जी ने सबसे ज्यादा नफरत फैलाने वाले भाषण दिए हैं. मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक चर्चा की गरिमा को कम किया है और इस तरह प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को भी कम किया है. इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी ख़ास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इतने नफरत भरे, असंसदीय और असभ्य शब्द नहीं कहे हैं.’ मनमोहन सिंह ने मतदाताओं से ‘भारत में प्रेम, शांति, भाईचारे और सद्भाव को मौका देने’ का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बीते दस सालों में भाजपा सरकार ने पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. 750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब के थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक लगातार इंतज़ार करते हुए शहीद हो गए. सिर्फ लाठी और रबर की गोली से ही नहीं, प्रधानमंत्री ने संसद के पटल पर किसानों को आंदोलनजीवी और परजीवी कहकर मौखिक रूप से भी हमला किया. किसानों की एकमात्र मांग थी कि उनसे सलाह किए बिना उन पर थोपे गए तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाएं.’ प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘भले ही मेरे कार्यकाल के अधिकांश समय में राज्य में अकाली-भाजपा सरकार थी, लेकिन कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की भावना का पालन करते हुए हमने पंजाब के लोगों को संसाधनों का उचित हिस्सा प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. दूसरी ओर पांच साल तक जब कांग्रेस पार्टी (पंजाब में) सत्ता में थी, केंद्र की भाजपा सरकार लगातार पंजाब को फंड देने से इनकार करती रही.’
सशस्त्र बलों पर थोपी अग्निपथ योजना
अग्निपथ योजना पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व पीएम ने कहा, ‘भाजपा सरकार ने हमारे सशस्त्र बलों पर गलत तरीके से अग्निपथ योजना थोपी है… पंजाब का युवा, किसान का बेटा, जो सेना में जाकर मातृभूमि की सेवा करने का सपना देखता है, अब केवल चार साल के लिए भर्ती होने के बारे में दो बार सोच रहा है. योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती है, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने इसे खत्म करने का वादा किया है.’