जीटीबी के हालात नाजुक, मेरठ के वेस्ट एंड रोड स्थित जीटीबी पब्लिक स्कूल यानि शिक्षा के मंदिर के हालात निष्कासित किए गए लोगों ने बद से बदत्तर कर दिए हैं। वहां के हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कभी भी कुछ भी हो सकता है। चेयरमैन इंद्रजीत सिंह का आरोप है कि शिक्षा के इस मंदिर को ट्रस्ट की आमसभा में निष्कासित किए गए लोग अपवित्र करने पर तुले हैं। गुरू के नाम पर जिस शिक्षण संस्था को स्थापित किया गया है वहां बेहूदगी की जा रही है। लेकिन हालात नाजुक होने के बाद भी बजाए निष्कासित लोगों के खिलाफ कार्रवाई के पुलिस तमाश देख रही है, जिसके चलते सदर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है। पुलिस काफी देर से पहुंची।
घुसकर तोड़े ताले
बुधवार को सब कुछ ठीक चल रहा था। जीटीबी की जब छुटटी का वक्त था तो आरोप है कि उसी दौरान अचानक निष्कासित किए गए लोग दीवार कूद कर जीटीबी में दाखिल हो गए। प्रधानाचार्य स. करमेन्द्र सिंह से अभद्रता की गयी। उन्हें कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया। प्रधानाचार्य के साथ किए गए व्यववहार को देखकर मासूम बच्चे बुरी तरह से डर गए। वो समझ नहीं पा रहे थे कि ये लोग कौन हैं और क्यों हंगामा बरपा रहे हैं। जीटीबी के अधिकृत चेयरमैन इंद्रजीत सिंह ने बताया कि आरोपी दबंगई दिखाने लगे। आतंकित करते हुए जीटीबी में जहां भी ताले लगे थे उन्हें तोड़ने लगे। हंगामा बरता कर दिया। दरअसल जीटीबी के विवाद में अगली सुनवाई 7 जुलाई को होनी है। उससे यह मामला हाईकोर्ट ने डिस्ट्रीक कोर्ट को सुनवाई के लिए रेफर किय है। इंद्रजीत पक्ष की पहल पर ही डिस्ट्रीक कोर्ट सुनवाई कर रही है, कई तारीख लग चुकी हैं, लेकिन जो निष्कासित हो चुके हैं वो लोग बजाए अदालती कार्रवाई में मदद के बार-बार तारीख लेकर अड़चन डाल रहे हैं। अगली सुनवाई से पहले बुधवार को जो कुछ भी हुआ वह जीटीबी की प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं। पूरा सिख समाज इस प्रकार की हरकतों से आहत है। मामले की जानकारी आला अधिकारियों को भी दी गयी है।