गुरू की शहीदी पर कीर्तन दरबार, मेरठ– पांचवे गुरू श्री गुरू अर्जुन देव जी का शहीदी पुरब आज गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा, कंकर खेड़ा में बहुत श्रद्धापूर्वक विशेष कीर्तन दरबार आयोजित कर मनाया गया ! जिसमे बड़ी संख्या मे संगत ने भाग लेकर गुरूबाणी,कीर्तन,गुरमति विचार सुनकर श्री अर्जुन देव जी द्वारा मानवता पर कीये गये उपकारो को याद कीया! इसमें स. मनजीत सिंह कोछड़ ने उल्लेखनीय सेवा की। मनजीत सिंह कोछड़ ने बताया कि श्री अंखड पाठ साहिब जी की समाप्ती के बाद बहन अमृत कौर जी के जत्थे ने ” सुखमनी ” साहिब जी का पाठ कर ” गुरू अर्जुन विटो कुर्बानी ” शब्द गायन कर वातावरण को भक्तिमय बना दीया! उनके बाद भाई अनुज सिंह जी ने जब ” जपयो जिन अर्जुन देव गुरू, फिर संकट जोनि गरभ न आयो ” शब्द गायन किया तो सारी संगत भी उनके साथ-साथ धन है-धन है गुरू अर्जुन देव जी धन है जपने लगी! उक्त अवसर पर उपस्थित संगत को सम्बोधित करते हुए गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा,कंकर खेड़ा के प्रधान मनजीत सिंह कोछड़ ने कहा जबर और जुल्म के विरूद्ध अपनी शांतिपूर्ण कुर्बानी देकर श्री गुरू अर्जुन देव ने शहीदीयो के नये-नये द्वार खोल दीये, आपने श्री दरबार साहिब जी-अमृतसर के चार दरवाजे बना कर ऐकता का संदेश दिया! श्री गुरू ग्रन्थ साहिब जी का श्री दरबार साहिब मे प्रकाश करा कर सारे विश्व की आस्था का सर्वसाझां केन्द्र बना दिया! विश्वभर के धर्मप्रेमी सदैव गुरू अर्जुन देव जी के परोपकारो को याद रखेगे एव श्री दरबार साहिब जी अमृतसर पहुंच नतमस्तक होगे, आयोजन की समाप्ती के बाद सारी संगत ने लंगर ग्रहण कीया एव मीठे जल की छबील सगंत एव राहगीरो के निरन्तर चलती रही!आयोजन को सफल बनाने मे मुख्य रूप से गुरबचन सिह ढिल्लो,इकबाल सिह धारीवाल,धीर सिह,हरमिनदर मजीठिया,हरप्रीत सिह सलूजा,अजीत सिंह,किशन सिह छाबड़ा,बलबीर सिह, बहादुर सिंह,हरिनदर कौर ने सेवा निभाई। मनजीत सिंह कोछड़ सदर स्थित गुरूद्वारा के कीर्तन दरबार में भी पहुंचे। वहां भी सेवा की।