तीन लाख थामना पड़ महंगा-सस्पेंड, तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर 11 हजार की हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट करना जेई अनिल राम को महंगा पड़ गया। एनएच-58 स्थित होटल लालकिला अंसल कोर्टयार्ड के बाहर लगी 11 हजार की हाईटेंशन लाइन उन्होंने शिफ्ट की थी। इसके लिए जिन कायदे कानूनों का पालन करना चाहिए था। अनुमित व एस्टीमेंट बनवाकर रकम को सरकारी खाते में जमा करानी चाहिए थी वो उन्होंने नहीं किया। मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि शासन को राजस्व हानि पहुंचाने से भी जुड़ा है। मामले की गंभीरता के चलते अधीक्षण अभियंता नगर ने इन्हें सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड होने की खबर मिलने पर जेई आपा खो बैठे। सूत्रों ने जानकारी दी है कि यह सीधे होटल लालकिला जा पहुंचे। वहां पर जमकर हंगामा किया। आरटीआई एक्टिविस्ट प. नरेश शर्मा ने बताया कि सस्पेंड जेई ने होटल मालिक से कहा कि आपके चक्कर में मैं सस्पेंड हो गया। बताया गया है कि जब होटल मालिक ने कहा कि आपने ही रिश्वत लेकर बिना एस्टीमेट लाइन शिफ्ट करने का सुझाव दिया था तो जेई ने कहा कि पैसे मैने अकेले थोड़ी खाये हैं एसडीओ-एक्सईन को भी तो दिये हैं लेकिन उन्होंने अपना पल्ला झाड़कर मुझपे सारा दोष डाल दिया।
यह था पूरा मामला
न कोई एस्टीमेट और न ही एमडी या चीफ की परमिशन, बगैर परमिशन व एस्टीमेट जमा कराए एसडीओ व जेई ने हाइटेंशन विद्युत लाइन शिफ्ट कर दी। यह कारनामा एनएच-58 पर अंसल कोर्टयार्ड कालोनी के गेट पर स्थित होटल एयरपोर्ट के बाहर लगे ट्रांसफार्मर के जोड़े को शिफ्ट कर किया गया। पीवीवीएनएल के रुड़की रोड स्थित सोफीपुर बिजली घर के स्टॉफ पर आरोप है कि उन्होंने इसको लेकर बड़ा खेल किया है और जिस खेल की चर्चा महकमे में आम है उसके पीछे जेई और एसडीओ (जिनके पास एमईएस पावर स्टेशन का चार्ज भी है) नाम लिया जा रहा है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि सोमवार को मोदीपुरम बाइपास के निकट एनएच-58 स्थित होटल लाल किला की हाइटेंशन विद्युत लाइन बिना एस्टीमेट और अप्रूवल के अवैध रूप से शिफ्ट कर दी। उन्होंने पीसीसी पोल पर रखा हुआ होटल का ट्रांसफार्मर और सीटी-पीटी उठाकर अंसल कॉलोनी के डबल पोल पर रख दिया और होटल के पीसीसी पोल, इंसुलेटर एंगल आदि सामान तोड़ कर डाल दिये। इसको लेकर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि मौके पर मौजूद एसडीओ व जेई वहां से सामान को रिक्शा मे भर के अपने साथ ले गए। आरोप है कि सेटिंग-गेटिग के बाद ही सारा काम किया गया है। इतना ही नहीं इस कारनामे की खबर आला अफसरों मसलन एमडी पावर व चीफ को ना लगे, इस बात का भी खास ख्याल रखा गया है। दावा किया गया है कि पूरा काम बिना एस्टीमेट जमा किये किया गया है, जिससे विद्युत विभाग को लाखों रुपये की वित्तीय हानि हुई है। जानकारों का कहना है कि यह कारगुजारी अनुशासनहीनता के साथ ही वित्तीय अपराध की भी श्रेणी में आती है। नियामानुसार इसका एस्टीमेट जमा करके एक्सईएन, एसई व मुख्य अभियंता तक से अप्रूवल लिया जाता है। पत्र में एमडी पावर को बताया गया है कि शिफ्टिंग से पहले और शिफ्टिंग के दौरान की दोनों वीडियो मौजूद है जिसमे जेई और उनके संविदा कर्मी साफ-साफ देखे जा सकते हैं। वीडियो बनने पर जेई ने वीडियो का विरोध करके जबरदस्ती कैमरा बंद करा दिया, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश शर्मा ने इस मामले की शिकायत प्रबंध निदेशिका और चेयरमैन से करके दोषी जेई और एसडीओ को निलंबित करने की मांग की है।
पीवीवीएनएल के चीफ अरबन धीरज सिन्हा को जब मामले की जानकारी दी गयी तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच करायी जाएगी। जो भी दोषी होगा उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इसको लेकर कंकरखेड़ा व एमईएस के एसडीओ जितेन्द्र वर्मा से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जेई को मना किया गया था कि यह सब ना करें वो बाज नहीं आया। जितेन्द्र वर्मा ने यह भी बताया कि वह तो चार्ज दे चुके हैं। उनका इससे कुछ लेना देना नहीं है।
मामले से सीधे जुड़े जेई ने जनवाणी को कॉल पूरे मामले का ठीकरा एक्सईएन पर फोड़ दिया। उनका कहना था कि एक्सईएन की नॉलेज में पूरा मामला है। उन्होंने यह भी बताया कि एसडीओ तो इस मामले में पिंड छुड़ाने के लिए अनाप-शनाप बातें कर रहे हैं।
निष्कर्ष
जब सस्पेंड हो गए तो ठीकरा होटल मालिक और मामले का खुलासा करने वाले पर फोड़ रहे हैं। यह यह भी याद रहे कि अनिल राम जेई अंडर ट्रांसफर चल रहे थे, लेकिन कमाई के लालच में मुसीबत में फंस गए। अब जब फंस गए हैं तो कोई कर भी क्या सकता है। जैसे किया वैसा भरा। बुरे काम का बुरा नतीजा।