मुसीबत में थे मासूम-राते बिलखते पहुंचे परिजन, मेरठ। सिविल लाइन के पॉश कालोनी साकेत में गुरूवार को एक स्कूली बस सड़क किनारे सीवर के गड्ढे में मासूमों से भरी स्कूल बस फंस गई। खबर मिलने पर घबराए परिजन रोते बिलखते मौके पर पहुंचे। पॉश कॉलोनी साकेत में पाइप लाइन लीकेज होने की वजह से सड़क को खोदकर उसे ठीक करने का कार्य चल रहा है। आधी सड़क पर मलबा पड़ा होने की वजह से वाहनों को साइड से गुजरना पड़ रहा है। बुधवार को सेंट पैट्रिक्स एकेडमी की स्कूल बस वहां से गुजर रही थी। मलबे को बचाकर बच्चों से भरी स्कूल बस जैसे ही सड़क के किनारे से निकलने लगी तो अचानक सड़क धंस गई। जिसमें बस का एक पहिया फंस गया और बस पलटने से बाल-बाल बच गई। स्कूल बस में 39 बच्चे थे। बस का पहिया फंसते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। शोरगुल सुनकर स्थानीय लोगों ने सतर्कता दिखाई और एक-एक बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया। इसके बाद उनके अभिभावकों को फोन कर के हादसे की जानकारी दी। सूचना मिलते ही दौड़ते अभिभावक मौके पर पहुंचे, वह अपने-अपने बच्चों को लेकर घर चले गए। इसके बाद नगर निगम और जल निगम के अधिकारी भी पहुंच गए। महापौर हरिकांत अहलूवालिया, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार और अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया। उन्होंने टीम लगाकर तुरंत ही बस को निकलवाने का प्रयास किया। करीब साढ़े तीन घंटे के प्रयास के बाद किसी तरह बस को वहां से निकलवाया गया। महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि यहां करीब 45 साल पुरानी पाइप लाइन दबी हुई है। कुछ दिन पहले ही निगम ने सड़क का निर्माण कराया था। पाइप लाइन लीकेज होने की वजह से सड़क के भीतर पानी मर रहा था। ऐसे में यहां सड़क का कुछ हिस्सा धंस गया। नगर आयुक्त सौरभ गंगवार ने कहा कि सड़क बनाने से पहले पाइप लाइन लीकेज का पता नहीं चल पाया था। दो दिन पहले ही लीकेज की बात सामने आई है तो उसे ही ठीक कराए जाने का कार्य चल रहा था। जांच कराई जा रही है कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल बस के चालक संजीव का कहना है कि उसे सड़क धंसने का अंदाजा नहीं था। खुदाई से निकाला गया मलबा भी सड़क पर ही फैला हुआ था, वह साइड से बस को निकाल रहे थे, अचानक सड़क धंसने से पहिया फंस गया। उसने कहा कि यहां किसी तरह की कोई बेरिकेडिंग नहीं की गई थी। सभी बच्चों को सकुशल बाहर निकाला गया है। साकेत में बस फंसने के बाद भी अफसरों की लापरवाही का सिलसिला नहीं थमा। एक तरफ सड़क का बड़ा हिस्सा पाइप लाइन ठीक करने के लिए खोदा गया था। जबकि दूसरी तरफ बस फंसी हुई थी, बावजूद इसके स्कूली बच्चे वहीं से निकल रहे थे, जिन्हें रोकने के लिए कोई भी अफसर ध्यान नहीं दे रहा था।