सूचना देने में सिंचाई अफसराें के कांप रहे हैं हाथ,
मेरठ । रजवाहा सलावा व पठानपुरा नाला को लेकर आरटीआई ( सूचना का अधिकार ) के तहत मांगी गई जानकारी देने में सिंचाई विभाग के बड़े अधिकारियों के हाथ कांप रह हैं। विगत 8 जुलाई को आरटीआई के तहत सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से जो सूचना मांगी गयी थी, वह 9 सितंबर तक भी नहीं मिल सकी है। इससे इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंचाई विभाग के जिन अफसरों से यह सूचना मांगी गयी है या तो वह आरटीआई के तहत सूचना दिए जाने के बाध्य होने के भारत सरकार के आदेशों को मानने के लिए खुद को बाध्य नहीं समझते या फिर उनको जो सूचना मांगी जा रही है उसको देने में गर्दन फंसने का डर सता रहा है। यह सूचनाएं सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट दुष्यंत रोहटा ने मांगी हैं। जो सूचना मांगी गई हैं उनमें रजवाहा चप सलावा व नाला पठानपुरा पर 8 जुलाई 2024 रास्तों के लिए कितनी एनओसी जारी की गई हैं। सिंचाई विभाग के रजवाहा चल सलावा की रोहटा रोड क्रासिंग से उत्तर दिशा की तरफ पांच सौ मीटर की लंबाई में रजवाहे की चौडाई अभिलेखों में क्या दर्ज है। सिंचाई विभाग के रजवाहा चप सलावा व नाले पर अवैध कब्जे के विरूद्ध विभाग के अफसरों ने क्या-क्या कार्रवाई की। सिंचाई विभाग के चप सलावा व पठानपुरा नाले के चारों ओर सिचाई विभाग की कितनी भूमि अभिलेखों में दर्ज है। रजवाहा चप सलावे की सफाई व मेनटिनेंस के लिए वर्ष 2014 से 8 जुलाई 2024 तक प्रत्येक वर्ष कितनी कितनी धन राशि शासन प्रशासन से स्वीकृत की गयी। किन-किन ठेकेदारों व फर्मों से यह काम कराया गया। पठानपुरा नाला जो डाबका, दायमपुर, मुरलीपुर व लखवाया आदि क्षेत्र की जल निकासी के लिए अंग्रेजी शासन काल से चला आ रहा है, इस नाले की सफाई व मेंटिनेंस के लिए वर्ष 2114 से 2024 तक प्रत्येक वर्ष कितनी धनराशि शासन व प्रशासन के द्वारा स्वीकृत की गई। किन-किन ठेकेदारों से मेनटिनेंस का काम कराया गया। यह सभी जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गयी लेकिन इसको देने में सिंचाई विभाग के अफसरों की सांसें फूल रही हैं।