इस बार गंगा दशहरा रवि योग में

इस बार गंगा दशहरा रवि योग में
Share

इस बार गंगा दशहरा रवि योग में, -गंगा दशहरा 30 मई मंगलवार को होने जा रहा है। अंतराष्ट्रीय कर्मालॉजिस्ट भारत ज्ञान भूषण मेरठ ने बताया कि इस बार सिद्ध योग व रवि योग में मनाया जाएगा गंगा दशहरा
29 जून को 11:50 पर ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि प्रारम्भ हो रही है जो 30 मई को दोपहर 1:50 तक रहेगी अतः दिन व्यापनी गंगा दशहरा के रूप में स्नान दान व्रत पूजा आदि के रूप में सूर्योदनी गंगा दशहरा 30 मई को सिद्ध योग व रवि योग, हस्त नक्षत्र में मनाया जायेगाI गंगा दशहरे पर सूर्य वृष राशि में तथा चंद्रमा कन्या राशि पर विचरण कर रहे होंगे, गंगा दशहरा पर हमारे जीवन के नकारात्मक प्रभावों को तिरोहित करने वाला योग बना रहा हैI गंगा सप्तमी पर तो माँ गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल व भगवान विष्णु के चरणों में स्थापित हुई किन्तु गंगा दशहरा पर भगवान शिव की जटाओं में समाहित होते हुए स्वर्ग की गंगा नदी पृथ्वीवासियों के लिए अपना मूल आध्यात्मिक धाम छोड़ कर मोक्ष यात्रा में सहयोगिनी पवित्र गंगा का आभार व्यक्त करने का भी दिन है गंगा दशहरा है।
स्नान, दान आदि मुहूर्त समय
ब्रह्म मुहूर्त 04:08 AM – 04:56 PM
लाभ मुहूर्त 10:35 AM – 12:18 PM
अभिजीत मुहूर्त 11:50 AM – 12:45 PM
यह है यात्रा पथ पृथ्वी पर, मोक्षदायिनी गंगा की
ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि इस दिन धरती पर उतरी थी देव लोक की नदी गंगादेवी, राजा भगीरथ की कठिन तपस्या का प्रतिफल थाI राजा सगर के पुत्रों के उद्धार के लिए भगवान शिव के जटा जूट के माध्यम से धरती पर उतरीI हम सब सौभाग्यशाली हैं जोकि गंगा के देश में गंगा के आसपास बसते हैंI भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में जीवन से मृत्यु तक सभी पहलुओं में गंगा को सबसे महत्वपूर्णस्थान दिया हैI रामायण महाभारत पुराण आदि सभी धार्मिक ग्रंथों में गंगा को मोक्ष दायिनी दैवीय शक्ति के रूप में मान्यता दी है, विशेषरूप से गंगा किनारे ज्ञान धर्म अध्यात्मऔर सभ्यता संस्कृति रुपी वट वृक्ष की ऐसी जड़ फैली की भारत विश्वका अध्यात्मिक गुरु बन गयाIगंगा नदी हिमालय के गोमुख से २५१० किलोमीटर की यात्रा कर के बंगाल की खाड़ी में विलीन होती है इसबीच सभी को शुचिता, पवित्रता मुक्ति का वरदान देती हुई तथा खेतों को सींचती हुई पवित्र अनाज की उत्पत्ति का वरदान देती हुई चलती हैं गंगा नदी में बेक्टीरियोफेज़ नामक ऐसे जीवाणु होते हैं जो हानिकारक सूक्ष्म विषाणुओं को पनपने नहीं देते गंगा के जल में प्राणवायु ऑक्सीजन की मात्रा को बनाए रखने की असाधारणक्षमता होती है इसलिए गंगा दशहरा में गंगा के प्राकट्य दिवस पर हम सबनेसंकल्पित होना है कि किसी भी सूरत में इस स्वर्ग की नदी जिसकी उत्पत्ति सृष्टि केरचयिता ब्रह्मा जी के चरणों की बूंदों से हुई तथा जिनका वास विष्णु जी के चरणों में है पृथ्वी परजिसपवित्र नदी के तट पर अधिकाँश तीर्थ बसे हैंI उस पाप मोचनी पवित्र गंगा को किसी भी सूरत में प्रदूषित नहीं होने देना है गंगा पहाड़ों से उतर कर धरती पर हरि द्वार में प्रवेश करती हैं जहाँ हर हर गंगे की प्रथम प्रतिध्वनि प्रारम्भ होती है तथागढ़मुक्तेश्वर होती हुई तीर्थ राज प्रयाग की और बढती हैं माना जाता है कि पांच हज़ारवर्ष बाद सरस्वती नदी की तरह गंगा नदी भी धरती पर अपना पावन कार्यकाल पूर्ण कर लेंगीतथा लुप्त होकर वापिस अपने देव धाम प्रस्थान करेंगी अतः कलयुग के प्रथम चरण में मोक्ष दायिनी गंगा का वरदान लें विशेषतः गंगा के प्रादुर्भाव दिवस गंगा दशहरे परA
क्या करें विशेष गंगा दशहरे पर& गंगा स्नान से पूर्व गंगा जी का जल अपने दायें हाथ से दायें से बायें बायें से दायें करें तथा ध्यान करें तीनों महादेवों का तथा उनकी तीनों शक्तियों का व तीनों लोकों कातथा शिव जी के तीनो नेत्रों का तथा
देव ऋषि व पितरों को करें जल अर्पण
&जल में izवेश करने से पूर्व अपनी अंजुली से जल लेकर मस्तक पर लगायें तथा गंगा जल में चरण
रखते समय क्षमा मांगे – – – – – गंगाजल में स्नान करते समयमुख पूर्वोत्तर दिशा में ही होना चाहिए तथा अपने ईष्ट का ध्यान करके
जाप करना चाहिए
– तीन डुबकी अपने लिए तथा बाकी सभी अपने प्रिय जनों के लिए उनका नाम व उनका ध्यान करके जो भी डुबकी लगायेंगे तो उन प्रियजनों को भी बारह प्रतिशत पवित्रलाभ सूक्ष्म जगत में प्राप्त हो पायेगा
– गंगा स्नान करते समय भावों से भरा होना चाहिए की हम कितने भाग्यशाली हैं की साक्षात सम्पूर्ण गंगा नदी में डुबकी लगाने को मिल रहा है जिस गंगा जल की १ बूँदभी मरणासन्न व्यक्ति को सद गति
प्रदान करती है वहाँ हमें सपूर्ण स्नान का अवसर मिल रहा है
– गंगा स्नान करते समय ह्रदय से आनंदित तो रहना चाहिए किन्तु हंसी ठिठोली बातचीत करने से लाभों में कमी हो जाती जाती है गंगा तट पर जो भी स्नान ध्यानपूजा जप दान आदि पवित्र कार्य किये जाते हैं वह जीवन में सकारात्मक उर्जा भरते हैं।

@Back Home


Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *