कानून के शिकंजे में फंसना है तय,
-एसीएम की जांच थाना सदर बाजार पहुंची, एडीजी के जांच के आदेश किसी भी समय थाना सदर बाजार संभव-
मेरठ। सदर दुर्गाबाड़ी स्थित 1008 श्री पारसनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर से जुड़ी कार्यों के नाम पर पर किया गया फर्जीवाड़े को लेकर अब कानूनी शिकंजे की तैयारी है। ऐसा नहीं कि फर्जीवाड़ा करने वालों को इसकी भनक नहीं है। कानून के शिकंजे की उन्हें भनक भी है और यह भी बता है कि इस बार बचने के विकल्प पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। आरोप है कि कालातीत पड़ी कमेटी के जिस प्रकार से चुनाव दिखा कर डिप्टी रजिस्ट्रार को गुमराह करने का प्रयास किया गया। और जब डिप्टी रजिस्ट्रार ने कारगुजारी पकड़ ली और नोटिस जारी कर दिए। उसके बाद पंच प्रकरण, मंदिर जी का हिसास लेने का दावा करना और क्लीनचिट देने के लिए 21 अक्तूबर की आमसभा का एलान कर देना। इतना ही नहीं अनर्गल आरोपों को लगाना और जब सदर जैन समाज के आगे तमाम प्रपंच बेपर्दा होने लगे तो इस्तीफे देकर कमर दिखा देना, इन तमाम घटनाक्रमों की कड़ियों को पुलिस ने जोड़ लिया है, जिसके चलते कहा जा रहा है कि कानूनी शिकंजा तो तय है और शिकंजे से बचाव के विकल्प यानी रास्ते भी अपनी ही कारगुजारियों के चलते बंद कर लिए हैं। कानून के जानकारों का कहना है कि कूटरचित पेपर तैयार कर जिन्होंने साइन कर कागज डिप्टी रजिस्ट्रार के यहां भेजे कानून अपनी पारी की शुरूआत उनसे करने जा रहा है। पूरे प्रकरण को लेकर एसीएम के यहां से जांच थाना सदर बाजार पहुंच गयी है। यह भी सुनने में आया है कि एडीजी के यहां इसको लेकर एक आदेश भी किसी भी वक्त थाना सदर बाजार पहुंचने वाला है। दरअसल इस पूरे मामले को विधि विशेषज्ञ बुकिंग के लिए पर्याप्त मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह पूरा मामला अन्य गंभीर धाराओं के अलावा 120-बी का है। मसलन होशो हवास में सोच समझ कर अपराध करने की श्रेणी में आता है। कानून के निशाने पर भी वही जिसको लेकर आखिर में चार पंचों ने किनार करना शुरू कर दिया था। पंचों की चलती तो उसको बाहर कर एक नया पंच तय कर लेते, लेकिन ऐसा होना ना सका और मंसूबे धरे के धरे रह गए और अब बारी कानून की है जो अपना काम करने को तैयार है। मसलन जो मंदिर जी में अब तक जो भी और जिसने भी कारगुजारियां की हैं उनका बुक होना तय है।