जन्मतिथि हेरफेर में फंस गए निगम नेताजी, नगर निगम मेरठ के एक नेता जी सर्विस बुक में जन्म तिथि हेरफेर में फंस गए हैं। निगम के मुख्य नगर लेखा परीक्षक ने नगरायुक्त को भेजी रिपोट में स्वास्थ्य विभाग अधिष्ठान द्वारा कर्मचारी की जन्मतिथि में हेरफेर करने के परिणाम स्वरूप कर्मचारी की सेवानिवृति तिथि को आगे करने के साथ ही निगम को आर्थिक हितों के विरूद्ध कार्य किए जाने व आर्थिक पहुंचाने की टिप्पणी की है। चयन समित द्वारा 3 फरवरी 1960 को विनयमित किए स्वच्छता मित्रों की सूची में कैलाश पुत्र बलवा की जन्म तिथि 25-3-1960 थी। इन सभी की सेवा पुस्तिकाएं उसी दौरान तैयार की गयी व संभवत उस मूल सेवापुस्तिका में जन्मतिथि 25-3-1960 ही अंकित की गयी होगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत वर्षों में इन विनयमित कर्मचारियों की सेवापुस्तिकाएं परिवर्तित की गयी तथा इसी के साथ अधिष्ठान लिपिकों के द्वारा कर्चारियों के साथ सांठगांठ कर उनकी जन्मतिथि को भी बदल दिया गया। नियमानुसार नयी सेवापुस्तिका बनायी जाती है तो भी पुरानी सेवापुस्तिका व्यक्तिगत पत्रावली में उपलब्ध रहनी चाहिए। ऐसा न करके स्वास्थ्य विभाग का अधिष्ठान विभाग संदेह के घेरे में है। कैलाश पुत्र बलवा की जन्मतिथि को नई सेवापुस्तिका व वेतन स्लिप में 16-7-1964 कर गया है, जिसके परिणाम स्वरूप कैलाश पुत्र बलवा को 31-3-2020 में सेवानिवृत्त कर देना चाहिए था। रिपोट में कैलाश के अवैध रूप से 2022 में भी कार्य करने की बात करते हुए कहा गया है कि इनकी सेवानिवृत्ति को 31-23-2020 से बदलकर 31-7-2024 कर दिया गया है तथा नगर निगम को अनापेक्षित आर्थिक आनी पहुंचायी गयी है। साथ ही कहा है कि कैलश पुत्र बलवा को तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त की सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत सेवानिवृत किया जाए तथा उन कर्मचारियों के विरूद्ध आर्थिक क्षतिव षड़यंत्र के अपराध में आवश्यक प्रशासनिक/फौजदारी प्रकि्रया के अन्तर्गत कार्यवाही प्रांरभ की जाए। मुख्य नगर लेखा परिक्षक नगर निगम मेरठ ने यह भी रिपोट में कहा है कि कृत कार्यवाही से सम्परीक्षा को भी अवगत कराया जाना अति आवश्यक है। यह मामला सामने आने के बाद निगम के उच्च पदस्थ अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। बड़ा सवाल रिकबरी कैसे होगी। (BKG)