जोन डी-फोर में अवैध कालोनी, जाेन डी-फोर में काट दी अवैध कालोनी कृष्णा कुंज-एमडीए के जोन स्टाफ को खबर नहीं या फिर जानबूझ कर बने हैं बे-खबर। मेरठ विकास प्राधिकरण का जोन डी-फोर किला रोड इन दिनों अवैध कालोनियों से पूरी तरह आबाद है। या यूं कहें कि यहां अवैध कालोनी काटने वाले भूमाफियाओं ने जड़ से खत्म करने देने की ठान ली है। साम-दाम-दंड़-भेद के हथकंड़े अपनाकर हरियाली को उजाड़े पर तुले हुए हैं। किलो रोड पर जहां दूर तक हरियाली नजर आती थी अब वहां भूमाफियाओं का कंकरीट का जंगल नजर आता है। आसपास के किसानों ने बताया कि इस बार हरियाली का चीरहरण करने का काम किसी बालेश्वर त्यागी नाम के भूमाफिया ने किया है। गांव वालों ने बताया कि यह कालोनी पूरी तरह से अवैध है। एक खेत के एक रकबे में अवैध कालोनी काटी गयी है। ऐसा नहीं कि दो चार दिन या दो चार सप्ताह से यहां काम चल रहा है। गांव वालों ने बताया कि यहां तो अरसे से काल चल रहा है। एमडीए के जोन डी-फोर जहां कृष्णा कुंज के नाम से यह अवैध कालोनी काटी गयी है, गांव वाले बताते हैं कि उसकी शुरूआत किसान के खेत को लेकर की गयी। खेत लेकर वहां फसल पर ट्रेक्टर चलवा कर उसको बर्बाद कर दिया गया। खेत को बर्बाद करने के बाद भूमाफिया ने यहां अवैध खनन करा कर खेत की भराई का काम शुरू कराया। गांव वालों ने यह भी बताया कि जो मिट्टी यहां खेत की भराई के लिए बड़े-बड़े ट्रैक्टर-ट्रालियों से भरवा कर लायी गयी, उसको लाने वाले वाे लोग हैं जो इस इलाके में ही नहीं बल्कि पूरे जनपद में तथा जनपद से सटे बिजनौर व मुजफ्फरनगर आदि इलाकों में अवैध खनन माफिया के नाम से खासे बदनाम है। गांव वालों ने यह भी बताया कि केवल कृष्णा कुंज वाले खेत की भराई ही अवैध खनन वालों ने नहीं की है बल्कि किला रोड पर जितनी भी अवैध कालोनियां काटी गयी हैं उनमें से ज्यादातर के लिए मिट्टी अवैध खनन से ही लायी गयी है। भराई के लिए मिट्टी की ढुलाई का काम कई दिन तक चलता रहा। लेकिन जिन अफसरों की जिम्मेदारी अवैध खनन रोकने की है उनमें से किसी ने भी एक दिन आकर यहां कृष्णा कुंज कालोनी मे आकर नहीं झांका। धरती का सीना लहुलुहान करने वालों पर कार्रवाई की बात तो बेमानी है। जोन डी-फोर की इस अवैध कालोनी में मिट्टी की भराई कराने में ही कई दिन लगा दिए गए, लेकिन हैरानी तो इस बात की है कि मेरठ विकास प्राधिकरण से किसी ने यहां आकर काम रूकवाने की जरूरत तक नहीं समझी। लंबे अरसे तक खेत की भराई का काम चलने के बाद अवैध कालोनी में अलग-अलग माप के भूखंड काटने का काम शुरू कराया गया। भूखंडों की नाप तोल के साथ ही अवैध कालोनी में भूमाफिया ने रास्ता बनवाया। उसमें भी कई दिन तक काम चलता रहा। काेल तार की सड़क बनाने वाली मशीन कई दिन यहां चलती रही, लेकिन फिर भी एमडीए के इस जोन के न तो जोनल अधिकारी अर्पित यादव न ही अवर अभियंता मनोज सिसौदिया ने यहां पहुंचकर काम रूकवाया या कभी सील लगायी हो। फिर ध्वस्तीकरण की बात तो बहुत दूर की है। कृष्णा कुंज अवैध कालोनी पूरी तरह से तैयार कर दी गयी है। यहां कुछ फ्लैट भी बनवा दिए गए हैं। जी प्लस टू टाईप फ्लैट कोई एक दिन या एक माह में बन जाते हैं। उसमें भी करीब तीन माह लग जाते हैं। हैरानी तो इस बात की है कि इतने लंबे वक्त तक अवैध कालोनी का काम चलता रहा, लेकिन अवैध कालोनियों को ध्वस्त करने की हुंकार भरने वाले एमडीए के अफसरों को कृष्णा कुंज कालोनी नजर नहीं आयी। इसके पीछे वजह क्या हो सकती है, यह तो एमडीए के अफसर ही जाने। लेकिन अब इस अवैध कालोनी में भूखंडों की बिक्र की जा रही है। बड़ी संख्या में भूखंड बेच भी दिए गए हैं। इनमें से कुछ ने जिन्हाेंने वहां भूखंड क्रय किए हैं निर्माण भी शुरू करा दिया है। अवैध कालानी है तो वहां बनने वाले तमाम मकान भी अवैध होंगे। जिस दिन कोई सख्त मिजाज अफसर मेरठ विकास प्राधिकरण में आ गए उसी दिन कृष्णा कुंज सरीखी अवैध कालोनियां ही जमीदोज नहीं होंगी बल्कि जिदंगी भर की कई लगाकर घर का सपना पूरा करने के नाम पर जो मकान वहां बनाए जा रहे हैं वो मकान भी जमीदोज हो जाएंगे। इसलिए जो लोग अवैध कृष्णा कुंज में जिंदगी भर की कमाई लगाकर मकान बनाने जा रहे हैं वो लोग भी सोच समझ कर कोई फैसला लें। क्योंकि उस वक्त अवैध कालोनी बसाने वाले भूमाफियां आंसू पूछने नहीं आएगा। गांव वालों का कहना है कि जब कृष्णा कुंज को ध्वस्त किया जाएगा तो कालोनी काटने वाला भूमाफिया उस वक्त खुद रो रहा होगा। ऐसे में उससे किसी प्रकार की मुरवत की उम्मीद करना बेमाने होगा। इसलिए बेहतर है कि अवैध कालाेनी में मकान के नाम पर सोच समझ कर इन्वेस्ट किया जाए। वहीं दूसरी ओर इस संबंध में जब एमडीए के जोनल अधिकारी व अवर अभियंता से संपर्क किया तो उन्होंने काल ही रिसीव नहीं की।