जोन सी-1 में एक साथ दो अवैध कालोनी

जोन सी-1 में एक साथ दो अवैध कालोनी
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जोन सी-1 में एक साथ दो अवैध कालोनी, मेरठ विकास प्राधिकरण के जोन सी-वन में सफेदपोशों ने एक साथ दो अवैध कालोनियां काट डाली हैं। इनमें से एक भाजपा नेता बताए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर अवैध कालोनियों की तलाश में कभी ड्रोन उडवाले वाले एमडीए के अधिकारियों को सरेआम काटी जा रही अवैध कालोनियां नजर नहीं आ रही हैं। जोन सी-वन में जहां ये अवैध कालोनियां काटी गयी हैं, वहां के लोगों ने जानकारी दी कि इनमें एक कालोनी शेर सिंह प्रजापति नाम के शख्स की है, हालांकि जानकारी देने वालों ने शेर सिंह की बैकग्राउंड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। इसके अलावा दूसरी अवैध कालोनी किसी बाबू लाल नाम के शख्स की बतायी गयी हैं। इनमें एक शख्स भाजपा का नेता बताया जाता है। जिसके शासन व प्रशासन में अच्छे खासे कनेक्शन हैं। यह शख्स भाजपा के तमाम बड़े कार्यक्रमों में सहयोग के लिए भी संगठन में अच्छी खासी पहचान रखता है। इसकी पृष्ठभूमि संगठन में काफी पुरानी बतायी जाती है। वहीं दूसरी ओर मौके पर देखने से साफ लगता है कि  इन अवैध कालोनियां को पूरी तरह से पूरा कर दिया गया है। अवैध कालोनी को किसी विकसित कालोनी की तर्ज पर काटा गया है। पक्की सड़क के दोनों ओर भूखंड हैं। इनमें से ज्यादातर भूखंड की सेल कर  दिए जाने की बात बतायी गयी है। इसके अलावा बिजली के खंबे लगवा दिए गए हैं। अवैध कालोनी में कुछ मकान भी बन गए हैं जहां लोगों ने रहना शुरू कर दिया है। ये सारा काम कोई  हफ्ते दो हफ्ते या महीना दो महीना में नहीं हो सकता। इन अवैध कालोनियों का जो स्टेटस वर्तमान में नजर आता है उससे देखकर साफ नजर आता है कि यं कम से कम एक साल से काम चल रहा है। इतना ही नहीं इन अवैध कालोनियों में लगवाए गए खंबों में पीवीएनएल ने कनेक्शन भी दे दिए हैं। हालांकि नियमानुसार पीवीएनएल को केवल एमडीए से अप्रुवड कालोनियों में ही कनेक्शन की अनुमति है। अवैध कालोनी में बिजली के कनेक्शन दिए जाने पर एमडीए ने पीवीएनएल से कोई आपत्ति की हो इसकी भी जानकारी नहीं मिली है। लेकिन हां बिजली के कनेक्शन यहां लोगों को दिए गए हैं, यह बात कन्फर्म हो गयी है।  यह भी जानकारी दी गयी है कि जब शुरूआत में यह कालोनी काटी गयी तो आसपास के इलाके में खेत और जंगल थे। अवैध कालोनी काटने वालों ने  किसान से खेत लिया और अवैध कालोनी काटने का काम शुरू। जोन सी-वन में और भी अवैध कालोनी हैं।  एमडीए प्रशासन अवैध कालोनियों के प्रति बजाए ध्वस्तीकरण के उदासीन नजर आता है। या फिर यह मान लिया जाए कि जिनके ऊपर तक कनेक्शन हैं उनसे पंगा लेने का जोखिम लेने से सभी बच रहे हैं।  वहीं दूसरी ओर महानगर क्षेत्र को अवैध निर्माण व कालोनियों से मुक्त कराने का दम भरने वाले एमडीए के अफसरों की हिम्मत नहीं हो पा रही कि  अवैध कालोनी के आसपास जाकर भी उसे सील या फिर ध्वस्तीकरण सरीखी कार्रवाई करें।  इस कालोनी में अलग-अलग साइज के भूखंड काट दिए गए हैं। बाकि का काम भी काफी तेजी से चलता नजर आ रहा है।  यदि कोई काम रूका है वो बस मेरठ विकास प्राधिकरण प्रशासन की नींद टूटने का।  यह भी जानकारी मिली है कि जब-जब अवैध कालोनी काटने वाले इस साइट पर आते हैं तो उनके  साथ कई अन्य लोग होते हैं।

मिट्टी का अवैध खनन भी कर रहे हैं भूमाफिया:

अवैध कालोनी काटने वाले एमडीए के कुछ भ्रष्ट स्टाफ से सांठगांठ कर सूबे की योगी सरकार को केवल राजस्व की हानि ही नहीं पहुंचा रहे हैं बल्कि ये लोग अवैध कालोनियों के लिए मिट्टी की जरूरत अवैध खनन से पूरी करा रहे हैं। दरअसल जितनी भी अवैध कालोनी काटी जा रही हैं वो जोन सी-वन समेत एमडीए के तमाम जाेन में खेतों में काटी जा रही हैं। खेतों में काटी जाने वाली इन अवैध कालोनियों के लिए सबसे पहली जरूरत मिट्टी की होती है। गहरे खेतों में सबसे पहले काम की शुरूआ मिट्टी की भराई से की जाती है। मिट्टी की भराई कराने के लिए अवैध खनन कराया जाता है। तडके करीब एक बजे से तीन बजे के बीच महानगर के तमाम आउटर इलाकों में अवैध खनन कर लायी ले जायी जा रही मिट्टी की ट्रेक्टर-ट्रालियां देखी जा सकती हैं। न कोई रोक न कोई टोक। यहां तक कि रास्ते में पड़ने वाले थाना व चौकियों में भी अवैध कालोनियों के लिए मिट्टी का अवैध खनन कराने वालों की पूरी सेटिंग होती है जिसकी वजह से पुलिस भी ऐसे तत्वों पर हाथ डालने के बजाए हाथ पर हाथ धरे बैठे रहती है।

सारा काम एमडीए में सेटिंग से

जोन सी-वन में भूमाफियाओं का किसानों के साथ जो रवैया है उससे साफ है कि उनकी एमडीए में भी तगडी सेटिंग है। बगैर सेटिंग के इतनी बड़ी कालोनी का काटा जाना संभव नहीं है। और यह सेटिंग भी एमडीए में बड़े स्तर पर की गयी होगी। यह बात इसलिए कही जा रही है कि सब कुछ जानते हुए भी एमडीए प्रशासन के अधिकारी अवैध कालोनियां जो घरों के बनने के बाद बसनी भी शुरू हाे गयी हैं वहां कोई हरकत करते नहीं नजर आ रहे हैं। ऐसे में मंशा पर सवाल न उठाए जाएं तो और क्या करें। इस अवैध कालोनी में जितने बड़े स्तर पर इन दिनों काम चल रहा है उसको देखते हुए तो यह लगता ही नहीं कि कालोनी अवैध रूप से काटी जा रही है। वहां साइट पर जो लोग मौजूद हैं जब उनसे बातचीत की तो उन्होंने दो टूक कहा कि एमडीए से डरने जैसी कोई बात नहीं। अधिकारियों से पूरी सेटिंग के बाद ही कालोनी का काम शुरू किया गया है। पूरे महानगर में जहां-जहां अवैध कालोनी काटी जा रही हैं तमाम कालोनियों में कालोनी काटने वाले बिल्डर सबसे पहला काम एमडीए में सेटिंग बैठाने का करते हैं। उसके बाद ही कालोनी की साइट पर काम शुरू किया जाता है।

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