कबाड़ में सरकारी कांटा-तोल पर सवाल, आरएफसी दफ्तर के जिम्मेदार बड़े अफसर गरीबों के निवाले की लूट से बेखबर हैं। सरकार की ओर से दिए गए जिस कांटे पर गरीबों को दिया जाने वाला राशन तुलना चाहिए, वो कांटा कबाड़ में पड़ा है। यदि कांटा कबाड़ में पड़ा है तो बड़ा सही कि फिर डीलरों को दिया जाना वाला गल्ला कहां तुलवाया जा रहा है। या फिर यह मान लिया जाए कि आरएफसी के कंकरखेड़ा गाेदाम में बड़ा राशन घोटाला हो गया है। यदि यह बात सही है तो इसकी जांच की जानी चाहिए। नियमानुसार तो जो भी गल्ला डीलर को दिया जाता है उसकी तुलाई गोदाम के सरकारी कांटे पर होनी चाहिए, लेकिन इस गोदाम में सरकारी कांटा कबाड़ में पड़ा है। वहीं दूसरी ओर गोदाम पर एसएमआई की सात साल लंबी पारी को लेकर तो सवाल खड़े किए ही जा रहे हैं दूसरी ओर अनुज नाम के एक प्राइवेट युवक जिसको हैल्पर बताया जाता है उस पर भी राशन डीलरों से प्रति डीलर सौ रुपए की उगाही के अलावा जो माल गोदाम पर बचता है उसको ठिकाने लगाने के आरोप लग रहे हैं। यदि ये आरोप सही हैं तो इसकी जांच की जानी चाहिए की सरकार की ओर से गरीबों का जो निवाला बांटने के लिए दिया जा रहा है, उसका एक हिस्सा अनुज नाम का यह शख्स, जैसे की सुनने में आया है और आरोप भी लगाए जा रहे बताए जा रहे हैं किस के इशारे पर और कहां बेच रहा है। यहां तक सुनने में आया है कि गरीबों का निवाला बेचकर काली कमाई करने इस युवक ने दो से तीन निजी वाहन भी बना लिए हैं। काली कमाई करने वाले इस युवक के घर पर कब बुलडोजर चलेगा यह तमाम वो डीलर चींख चींखकर पूछ रहे हैं जो मेरठ के कंकरखेड़ा स्थित आरएफसी के इस गोदाम पर लीूट का शिकार हो रहे हैं। ऐसा नहीं कि यह मामला शांत है। कुछ डीलरों ने विधायक से शिकायत की है। उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक संभव है।