कसूरवार बोर्ड ठेकेदार-सुपरवाइजर को लताड़, कैंट बोर्ड के डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले ठेकेदार के कारिंदों की लापरवाही का खामियाजा बोर्ड के सेनेट्री सुपरवाइजर को भुगतना पड़ गया। पूरे सेक्शन के सामने उसको जमकर लताड़ा गया। दरअसल हुआ यूं कि तीन चार दिन पहले कैंट बोर्ड के सभागार में सेनेट्री सेक्शन के पूरे स्टाफ को तलब कर लिया गया। कैंट बोर्ड के स्टाफ की सुगबुगाहट की मानें तो वहां सेनेट्री सेक्शन हेड भी मौजूद थे। सीईओ मेरठ कैंट बोर्ड ने सफाई व्यवस्था को लेकर नाराजगी का इंजहार किया। सुनने में आया है कि सीईओ के रडार पर एकाएक सेनेट्री सुपरवाइजर पुजेश लोहरे आ गए। कैंट क्षेत्र की सफाई व्यवस्था में पूरे सेनेट्री सेक्शन की लापरवाही के नाम पर पुजेश लोहरे को ही रिमांड पर ले लिया। जमकर फटकार लगा दी गई। पूरा सेनेट्री सेक्शन दम साधे खड़ा रहा। हालांकि सेनेट्री सेक्शन के नीचे के स्टाफ का कहना है कि अफसर हैं, जो किया ठीक ही किया होगा, लेकिन यदि काम ठीक नहीं किया जा रहा है तो इसके लिए तो डोर टू डोर कूडा कचरा उठाने वाली कंपनी और उसका ठेकेदार जिम्मेदार है। उन्होंने सवाल किया कि क्या इसको लेकर ठेकेदार को कोई नोटिस भेजा गया, या उसकी जमानत राशि जब्त करने सरीखी कोई कार्रवाई की गई। यदि कैंट क्षेत्र में सफाई का कार्य ठीक नहीं है, गंदगी से सब एरिया कमांडर भी नाराज है तो फिर ऐसा क्या करण है कि डोर टू डोर कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। डोर टू डोर ठेकेदार कंपनी से कैंट बोर्ड अफसरों का यह रिश्ता क्या कहलाता है। दूसरे की गलती पर भला अपनों के साथ ऐसा व्यवहार कौन करता है। वहीं दूसरी ओर सुनने में यह भी आया है कि गंदगी या साफ सफाई का सही तरह से ध्यान न रखने की बात तो पेंच कसने का बहाना मात्र है। बात कुछ और ही है। दरअसल शक है कि जो कुछ भीतर का लीक हाे रहा है, उसका जरिया इसी कर्मचारी को माना जा रहा है। हालांकि स्टाफ इस बात को खारिज कर रहा है। मसला जानने को कैंट प्रबक्ता व सुपरवाइजर से संपर्क प्रयास किया तो बात नहीं हो सकी।