शहीद- ए – आजम भगत सिंह की जयंती पर कवि सम्मेलन

शहीद- ए - आजम भगत सिंह की जयंती पर कवि सम्मेलन
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शहीद- ए – आजम भगत सिंह की जयंती पर कवि सम्मेलन,

MEERUT /  चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस सभागार में पंवार वाणी फाउंडेशन द्वारा शहीद- ए – आजम भगत सिंह की जयंती के पावन अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।
सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष अभिनंदनीय विभूति परम पूज्य आचार्य श्री बालकृष्ण जी , मुख्य अतिथि श्री विजयपाल सिंह तोमर पूर्व सांसद , अजय गुप्ता वासु, माननीय मंत्री डॉ सोमेंद्र तोमर , पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलंकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कवि सम्मेलन में डॉक्टर हमीरोम पवार जी के अतिरिक्त कवि सुमनेश सुमन , कवि दिनेश रघुवंशी , कवि डॉक्टर अर्जुन सिसोदिया, कवि दिनेश आग आदि कविगण ने अपनी श्रेष्ठ रचनाएं पढ़ी । कवि सम्मेलन का संचालन डॉक्टर हरिओम पवार जी द्वारा किया गया।

शौर्य सिन्धु का विराट ज्वार थे भगत सिंह,
जिसमें फिरंगियों की नाव डूब जानी थी
जिसपे स्वतन्त्रता का पावन प्रसून खिला,
पंचनद की वो वंश बेल बलिदानी थी
देश भक्ति का जूनून मिला जिसे लोरियों में,
सिंहनी का दूध पीये शेर की रवानी थी
रंग दे बसंती चोला गा के फंदा चूम लिया,
फाँसी वाला जिसने वो धन्य नौजवानी थी।।
डॉ 0अर्जुन सिसौदिया
साठा चौरासी, हापुड़

जाति वर्ण धर्म वाले टूटते गये प्रपंच
सबके दिलों में स्वाभिमान बोलने लगा
पंचनद वाले वीर रणबाँकुरे के साथ
इंकलाब पूरा हिन्दुस्तान बोलने लगा

देवेन्द्र प्रताप सिंह “आग”
इटावा, उत्तर प्रदेश

रंग दे बसंती चोला गा के फंदा चूम लिया, वीर बलिदानियों का भाल हैं भगतसिंह
राजगुरु,सुखदेव संग चढ़ गये फांसी विद्यावती माई के वो लाल हैं भगतसिंह
मातृभूमि के लिए जो स्वप्न होम करती है,ऐसी जवानी की मिसाल हैं भगतसिंह
प्राण दे के रौशन करेगी इतिहास को जो ,अमरत्व की वो मशाल हैं भगतसिंह
कोमल रस्तोगी

अंधेरे हैँ बहुत गहरे जो अब कम हो नहीं सकते
हमारे ज़ख्मों पर भी और मरहम हो नहीं सकते
समय के जिस तरह के दौर में अब रह रहे हैँ हम
यहाँ उसमें अधिक आशान्वित हम हो नहीं सकते
दिनेश रघुवंशी

नई सदी परमाणु बम के गहने पहने बैठी है .
घायल धरती मां अम्बर से पीड़ा कहने बैठी है .
मुझको ये पूरी दुनिया लाचार दिखाई देती है .
चीर हरण के चौसर का दरबार दिखाई देती है
मेरी कलम कामना गाती है जग की खुश हाली की .
लेकिन दिल में आग भरी है दुनिया की बदहाली की .
— डॉ हरिओम पंवार .

आचार्य श्री बालकृष्ण  ने कहा कि आज की पीढ़ी को गलत निर्देशन मिल रहा है, हम देख रहे हैं कि प्रातः काल से उठकर जितने भी जो भी संसाधन है वह चाहे प्रिंट , इलेक्ट्रॉनिक अथवा डिजिटल प्लेटफॉर्म हो उन पर जो भी कंटेंट है वह नकारात्मक है वह कहीं ना कहीं हमें कमजोर करने का काम कर रहा है । हमें इन चीजों से बचाना है। हमें जीवन में कुछ भी चाहिए कुछ भी बनना है तो अध्ययन की आदत जरूर डालनी होगी जितनी बार पढ़ेंगे उतनी बार नया सीखने को मिलेगा। क्रांतिकारी को उनके विचारों को उनके जीवन को जितनी बार पढ़ेंगे जितनी बार सुनेंगे जितनी बार मनन करेंगे उतना नया जरूर मिलेगा। दुनिया में एंपॉक्स की शुरुआत हो चुकी है भगवान करे यह भारत में ना आए परंतु आपको अश्वगंधा और हल्दी का सेवन इससे बचाव कर सकता हैं। कार्यक्रम संयोजक ठाकुर शमशेर सिंह व विजय भोला रहे। कार्यक्रम में पतंजलि से आचार्य जी के अतिरिक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राज्य प्रभारी सुनील शास्त्री, विनोद चौधरी ,दयाशंकर आर्य एवं मेरठ संगठन के सभी कार्यकर्ता, हर्ष गोयल, विपुल सिंघल, सीनियर चार्टेड एकउंटेंट व कैंट स्थित ऋषभ एकाडेमी के सचिव संजय जैन,   नवीन अग्रवाल, सुनील गुप्ता, श्रीमती कमलेश पंवार , ममता सिंघल, सीमा शर्मा, मोना अहलावत, प्रिया रस्तोगी सहित बड़ी संख्या में देश प्रेमी उपस्थित रहे।

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