खाकी का खेल-कमजोर पैरवी से बेल
होटल हारमनी कैसिनो कांड में नवीन अरोरा समेत सभी आठ को जमानत
मेरठ / गढ रोड स्थित होटल हारमनी में पकडे गए कैफे कांड में पुलिस के खेल और कमजोर पैरवी ने मालिक नवीन अरोरा समेत सभी को कोर्ट से बेल दिला दी। होटल मालिक नवीन अरोड़ा, चिराग तनेजा, अमित चांदना, राजीव , कपड़ा व्यापारी मोहित को कोर्ट ने पुलिस के केस को कमजोर मानते हुए जमानत दी दी। दरअसल हुआ यह है कि पुलिस ने सबूत के नाम पर केवल प्लास्टिक के कॉइन ही कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किए। बताया जाता है कि हारमनी होटल में अधनग्गी बार बालाओं का डांस समेत इस केस से जुड़ी तमाम बातों का मजबूती ने नहीं पेश किया गया। कोर्ट ने कॉइन को कैश का सबूत मानने से खारिज करते हुए आसानी से सभी को जमानत दे दी। हालांकि इससे पहले जिस प्रकार के दावे किए जा रहे थे उसके चलते गिरफ्तार दिखाए गए सभी आठों के जेल जाने की संभावना ज्यादा जतायी जा रही थी।
कोर्ट से पहले क्राइम ब्रांच में पेशी
इससे पहले करीब चार बजे नौंचदी पुलिस की दो गाड़ियों से होटल मालिक नवीन अरोड़ा, चिराग तनेजा, अमित चांदना, राजीव , कपड़ा व्यापारी मोहित को लेकर डाक्टरी कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंची। यहां डाक्टरी करायी गयी। यहां से सीधे बजाए कोर्ट ले जाने के पुलिस वाले पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के आॅफिस में लेकर आए। बताया जाता है कि वहां करीब आधा घंटे तक सभी से पूछताछ की गयी। उसके बाद पुलिस वाले आठों को लेकर कोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें एसीजेएम सेकेंट प्राची अग्रवाल की कोर्ट में पेश किया गया। दरअसल उन्हें पेश तो एसीजेएम फस्ट नदीम अनवर की कोर्ट में किया जाना था। लेकिन एसीजेएम के अवकाश पर होने की वजह से आठों को एसीजेएम सेकेंड की कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें आसानी से बेल मिल गयी। बेल स्वीकृत होने पर कठघरे में खडेÞ किए गए सभी आठों के चेहरे खिल गए। हाथ जोड़कर उन्होंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया। वहीं दूसरी ओर बाहर खड़ी करीबियों की भारी भीड़ ने भी एक दूसरे के हाथ मिलाते हुए बधाई दी।
पुलिस जीप पर कब्जा-थाने में हंगामा
हारमनी प्रकरण के आठों आरोपियों को थाने से जमानत के लिए परिवारिक मित्रों व भाजपाइयों ने थाने में जमकर हंगामा किया। हुआ यह कि दिन भर तो एफआईआर में शामिल होटल मालिक नवीन अरोड़ा, चिराग तनेजा, अमित चांदना, राजीव , कपड़ा व्यापारी मोहित नौंचदी थाने की हवालात में रहे। करीबियों का उम्मीद थी कि शायद थाने से जमानत मिल जाएगी। इसके लिए सिफाशिी फोन काल्स भी करायी जा रही थीं। जितने भी लोग थाने पर जमा थे और उनकी जहां-जहां पहचान थी, वहां लगातार फोन मिलाते रहे। मामले में आला अफसरों से बात करने को कहते रहे। उम्मीद कर रहे थे कि थाने से ही जमानत दे दी जाएगी, लेकिन ऐसा हो ना सका। चार बजे सभी आठ आरोपियों को हवालात से निकालकर जीप में बैठाकर जब पुलिस वाले चलने लगे तो वहां मौजूद लोगों ने पुलिस की जीप घेर ली। उस पर जा चढेÞ। उनका तर्क था कि जब जमानती धाराएं लगायी गयी हैं तो फिर कोर्ट में ले जाने का क्या मतलब। थाने से ही जमानत दी जाए। एसओ मेडिकल का कहना था कि इस संबंध में अधिकारियों के निर्देशानुसार काम किया जा रहा है। यदि कोई आपत्ति है तो अधिकारियों से बात कर लें। हंगामा करने वालों ने एसएसपी से कोई बात करने से मना कर दिया। कुछ ने एडीजी से मिलने की बात कहीं। उन्होंने अपनी बाइक व स्कूटी र्स्टाट भी कर ली। लेकिन इस बीच पुलिस को मौका मिल गया और पुलिस वाले उन्हें लेकर तेजी से निकल गए।