खंड व बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवमानना का नोटिस

खंड व बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवमानना का नोटिस
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खंड व बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवमानना का नोटिस, एक बेबस निमिषा तिवारी की नौकरी छीनना व उस पर रोक के हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना करना मेरठ की बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड़ शिक्षा अधिकारी को भारी पड़ गय है। हाईकोर्ट ने उनके कृत्य को अवमानना मानते हुए नोटिस जारी कर दिया और 20 नवंबर को अदालत में हाजिर होने का हुकूम जारी दिया है। हाईकोर्ट इलाहाबाद के सीनियर एडवोकेट सुनील चौधरी जो इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए उन्होंने जानकारी दी कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी मेरठ के विरुद्ध अवमानना का नोटिस जारी…. किया गया है।

ये है पूरा मामला

मेरठ जिले की उच्च प्राथमिक विद्यालय कृष्ण पुरी नगर क्षेत्र में कार्यरत शिक्षामित्र निमिषा तिवारी के विरुद्ध विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव मधुसूदन कौशिक द्वारा 31 दिसंबर 2022 को  सेवा समाप्ति के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी । जिसके बाद निमिषा तिवारी नियमानुसार सेवा की हकदार हो गयी थीं, लेकिन आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेशाें को लेकर प्रबंध समिति ने गंभीरता नहीं प्रदर्शित की। निमिषा तिवारी का कहना है कि प्रबंध समिति के सचिव ने आदेश मानने से ही इंकार कर दिया था।

अवमानना याचिका दाखिल की गई ।

याची को ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने माननीय न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला को बहस में बताया की याची पिछले 15 साल से शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत है । विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव के द्वारा विद्यालय में पढ़ रहे कक्षा 7 के एक बच्चे को डंडे ,चाटे ,लात से बुरी तरह कमरे में बन्द करके पीटा गया और मां बहन की गाली दिए जाने पर याची के द्वारा उक्त घटना पर बच्चे की ओर से बचाव किए जाने पर विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव मधुसूदन कौशिक के द्वारा बिना किसी अभिभावक की शिकायत पर गलत आरोप लगाते हुए याची की सेवा बिना नोटिस दिए समाप्त कर दी गई जबकि याची की सेवा समाप्ति किए जाने का अधिकार शिक्षा समिति दो तिहाई बहुमत के आधार पर कर सकती है । विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव जो कि एक दबंग व्यक्ति है और मेरठ शहर विधानसभा से चुनाव हारे भाजपा पूर्व प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा का फूफेरा भाई है।

सचिव के खिलाफ एसएसपी से शिकायत
मधुसूदन के विरुद्ध मारपीट गाली-गलौज व गलत आचरण किए जाने पर जिलाधिकारी व एसएसपी मेरठ के यहां एफ आई आर दर्ज कराने हेतु प्रार्थना पत्र भी बच्चे के पिता कुंदन के द्वारा दिया गया जिसकी जांच चल रही है। वहीं दूसरी ओर खण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा अध्यापक मधुसूदन कौशिक से समस्त शैक्षिक कार्य का प्रभार भी वापस ले लिया गया था।
याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी  ने यह भी बताया कि मधुसूदन कौशिक को गलत तरीके से प्रभार दिया गया जिसके विरुद्ध अन्य सहायक अध्यापक के द्वारा भी याचिका दाखिल की गई है जिसमे बी एस ए,मेरठ से जवाब मांगा गया है। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन मधुसूदन कौशिक के द्वारा यह कहकर नही किया गया कि सेवा समाप्त हो गई है और मैं किसी कोर्ट का आदेश नही मानता जिसकी शिकायत याची के द्वारा मा. उच्च न्यायालय के आदेश के सत्यापित प्रतिलिपि के साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारी को की गई।मा. उच्च न्यायालय के आदेश का पालन न होने पर उच्चन्यायालय ने श्रीमती आशा चौधरी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मेरठ व श्री सत्येंद्र पाल सिंह खंड शिक्षा अधिकारी नगर मेरठ को नोटिस जारी कर ,अगली सुनवाई की तारीख 20 नवंबर नियत की है।

यह कहना है बीएसए का

मेरठ की बीएसए आशा चौधरी का कहना है कि अभी कोर्ट के आदेश व नोटिस नहीं मिला है। जो भी माननीय न्यायालय का आदेश होगा उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

यह कहना है अधिवक्ता का

याची के अधिवक्ता सीनियर एडवोकेट सुनील चौधरी का कहना है कि कोर्ट ने सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक के आदेश जारी किए थे, जिसकी अवमानना की गयी। उसी के चलते मेरठ के बीएसए व खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।

यह कहना है पीड़िता का

पीड़िता निमिषा तिवारी ने बताया कि 1 दिसंबर 2022  को उनकी सेवाएं गलत तरीके से समाप्त कर दी गयी थीं, जिस प्रकार से सेवा समाप्त की गयीं वह तो गलत है ही साथ ही प्रबंध समिति भी कालातीत हो चुकी है।

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