तस्करों ने फंसाया था किया तेंदुआ रेस्क्यू,
मेरठ/वन विभाग के परीक्षितगढ रेंज के गांव किला मुबारिकपुर के जंगलों में शिकारियों या फिर वन्य जीव तस्करों की शिकंजे में फंसे एक तेंदुए के वन विभाग की दो टीमों ने रेस्क्यू किया है। इस काम में बड़ा सहयोग गांव वालों का रहा। यदि वक्त पर गांव वालें ने तेंदुए के फंसे होने की सूचना वन अफसरों को ना दी होती तो वन्य जीव तस्करों द्वारा उसको मार दिया गया होता।
मुबारिकपुर के जंगलों में वन्य जीव तस्करों ने एक स्थान पर खटका लगाया हुआ था। तेंदुए के रेस्क्यू करने वाली टीम का हिस्सा रहीं क्षेत्रीय वन्य अधिकारी खुशबू उपाध्याय ने बताया कि खटका लोहे का मजबूत बना एक प्रकार छोटा शिकंजा नुमा फंदा होता है। जैसे ही किसी भी जीव का पांव इस पर पड़ता है, वह फंस जाता है। गांव वालों ने बताय कि यह बेहद दर्दकारक था। क्योंकि इसमें फंसने के बाद तेंदुआ बुरी तरह से दर्द से कराह व गुर्ररा रहा था। गांव वालों ने प्रधान और प्रधान मुबारिकपुर ने क्षेत्रीय वन अधिकारी परीक्षितगढ़ रेंज को सूचना दी। वहां से प्रभागीय निदेशक समाजिक वानिकी प्रभाग राजेश कुमार को सूचना दी गई। जिसके बाद मेरठ से एक टीम मौके पर भेजी गयी। दूसरी टीम परीक्षितगढ़ रेंज से आ गयी थी। वन कर्मी अपने साथ बेहोश करने के लिए ट्रंकुलाइजर व मजबूत पिंजरा समेत तमाम सामान लेकर आए थे। आते ही सबसे पहला कम पशु के बेहोश कर उसका पंजा खटके से आजाद करने का किया ताकि पीड़ा से राहत मिल सके। बेहोशी टूटने से पहले तेंदुए को लोहे के पिंजरे में लेटाया। पिंजरे को फिर वैन में चढ़ा दिया और टीम तेदुंए को लेकर सीधे विभाग के पशु चिकित्सक के पास जा पहुंची।
वर्जन
शिकारियों द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले खटके में तेंदुए का पंजा फंसा था। उसको सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया। खुशबू उपाध्यक्ष क्षेत्रीय वनाधिकारी परीक्षितगढ़ रेंज
परीक्षितगढ़ रेंज के मुबारिकपुर के जंगलों से एक तेंदुआ जिसकी उम्र करीब डेढ से दो साल है उसको रेस्क्यू किया गया है। राजेश कुमार-प्रभागीय निदेशक समाजिक वानिकी प्रभाग
शिकारियों ने फंसाया था-वन विभाग ने बचाया
वन विभाग ने फंसे हुए तेंदुए को किया रेस्क्यू