माल रोड: कभी इतराती थी-आज शर्मिंदा है, देश भर की छावनियों में जब नाम लिया जाता था तो मेरठ छावनी स्थित माल रोड बहुत इतराया करती थी, लेकिन अब नाम लेने भर के ख्याल से वह बुरी तरह डर जाती है। मेरठ कैंट बोर्ड के अफसरों ने उसको इस हाल में ला दिया है। माल रोड के गड्डढ़े बता रहे हैं कि सीईओ ज्योति कुमार व एई पीयूष गौतम सरीखे अफसर फिल्ड में जब निकलते ही नहीं तो फिर उसकी सुध भी कैसे ली जाएगी। इन गड्डढों को भरने की बजाए कैंट बोर्ड के अफसरों लापरवाही इसी से उजागर होती है कि बरसात के मौसम में इन गड्डों को मिट्टी और मलवे से भर दिया गया है। यह वीआईपी रोड जगह-जगह से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। जहां से फौज के उच्चाधिकारी रोज निकलते हैं। जिस माल रोड पर कभी फौजी अफसरों के वाहन फर्राटा भरते हुए निकलने में अपनी शान समझते थे, उसकी अब हालात बद से बदत्तर हैं, ऐसा लगता है मानों कि पिछड़े इलाके से होकर फौजी अफसरों के वाहन गुजर रहे हैं। माल रोड के गड्डढ़ों की वजह से फौजी अफसरों के वाहनों को फर्राटे पर ब्रेक लगे हैं। माल रोड पर कई स्थानों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां पांच से दस फुट चौड़े गड्डढे़ हो गए हैं। इनकी वजह से आए दिन हादसे भी रहे हैं। कैंट बोर्ड के अफसरों के जिम्मे माल रोड का रखरखाव है। पूर्व की यदि बात की जाए तो सीईओ, इंजीनियरिंग अनुभाग के अधिकारी व कर्मचारी माल रोड की सुध लेने पहुंचा करते थे, शायद यही कारण था कि तब माल रोड का डंका देश भर की छावनियों में बजा करता था। मेरठ माल रोड के रखरखाव की मिसाल दूसरी छावनियों से आने वाले तमाम फौजी अफसर दिया करते थे। कैंट बोर्ड की इस उदासनीता से जनता रोष है और भाजपा के बड़े नेताओं से भी शिकायत की गयी है। एक रिटायर्ड सैन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शीघ्र ही डीजी व पीएमओ कारगुजारियों से अवगत कराया जाएगा।