मेडा ने गिराए अवैध निर्माण-हंगामा,
मेरठ/ मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) प्रर्वतन दल ने गुरूवार को परतापुर क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री ध्वस्त कर दी। पल्लवपुरम क्षेत्र में भी ध्वस्तीकरण अभियान चलाया गया। मेडा के प्रवर्तन दल प्रभारी अर्पित यादव ने खुद ध्वस्तीकरण अभियान की अगुवाई की। इस दौरान उन्हें कडेÞ विरोध का भी सामना करना पड़ा लेकिन वह डटे रहे। परतापुर क्षेत्र में अमित राणा व दीपक राणा की फैव फैक्ट्री से आगे मिल्क प्लांट काशी रोड के समीप 15 हजार वर्ग गज के भूखंड पर औद्योगिक कालोनी बसाए जाने के लिए सड़क का अवैध निर्माण किया जा रहा था। मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे के आदेश पर प्रवर्तन दल की टीम मौके पर पहुंची और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। जोनल अधिकारी अर्पित यादव ने बताया कि 22 अगस्त को यह अवैध कालोनी विकसित की गई। इसके अलावा परतापुर के नासिर अहमद द्वारा काशी गांव में पांच हजार वर्ग गज पर अवैध कालोनी विकसित की गयी। वहां भी सडक निर्माण किया गया और बाउंड्री वाल भी बना ली थी। प्रवर्तन दल की टीम ने इसको भी ध्वस्त किया। बाउंड्री वाल व वहां किए गए अन्य अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए। इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ लेकिन अभियान को रूकने नहीं दिया गया। इसके अलावा
हंगामे पर बीच में रोका अभियान
मोदीपुरम। पल्लवपुरम हाईवे पर अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची मेडा की टीम का पुलिस के सामने निर्माण करा रहे लोगों ने जमकर विरोध किया। हंगामा के बाद टीम कुछ कार्रवाई करने के बाद वापस लौटी। गुरुवार को मेडा विभाग के जेई जितेंद्र कुमार दो जेसीबी पल्लव पुरम, कंकर खेड़ा ओर दौराला थाना पुलिस टीम को लेकर अंसल टाउन के सामने हाईवे के निकट बने गांव डोरली के रहने वाले सुधीर चौहान और विकास एवं आकाश द्वारा बनाए गए अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए पहुंची। जब एमडीए टीम पुलिस की मौजूदगी में अवैध निर्माण पर जेसीबी चलवा कर ध्वस्तीकरण कर रही थी तो निर्माण कार्य करा रहे लोग और उनके संबंधित लोग मौके पर पहुंच गए और उन्होंने हंगामा करते हुए पुलिस के सामने जेसीबी के सामने खड़े हो गए और अवैध निर्माण के सामने बैठ गए। उन्होंने कहा कि यह हमारी खेती की जमीन है और हम लोग अपनी जमीन पर निर्माण कार्य कर रहे हैं। आप इस पर कैसे बुलडोजर चलवा दोगे। काफी देर हंगामा चलता रहा जिसके बाद एमडीए टीम ओर पुलिस फोर्स वापस लौट गई।
नहीं मिली पुलिस
मोदीपुरम। एमडीए की टीम काफी समय से इस निर्माण को ध्वस्त करने के लिए तैयार थी। लेकिन पुलिस की उपलब्धता न होने के कारण यह धवस्तीकरण नहीं हो पा रहा था। हालाँकि जब एमडीए की टीम आई। उस समय स्थानीय नागरिक बड़ी तादाद में वहाँ आए और एमडीए टीम का विरोध किया, लेकिन टीम ने अभियान को जारी रखा।