मोहबत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं, शामली-थानाभवन। गांव गोसगढ़ में हिंदुओं ने करीब ढाई सौ साल पुरानी मस्जिद के परिसर को संवारने का बीड़ा उठाया है। इस गांव में कोई भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता। मस्जिद के परिसर को संवारने की पहल भी हिंदु समुदाय ने ही की है। मुगल शासक शाह आलम के काल की है मस्जिद। 1760 से 1806 के बीच यहां मुगल शासक शाह आलम-द्वितीय का शासन हुआ करता था। करीब 250 वर्ष पहले इस ऐतिहासिक शहर में कुछ अवशेष ही हैं। इन्हीं में से एक है यह मस्जिद। इस मस्जिद की इमारत का कुछ हिस्सा जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। अब यहां गंदगी का अंबार है। लोगों ने इसे गोबर डालने का स्थान बना लिया था। कुछ लोगों ने इस जमीन को अपने निजी प्रयोग में लेना शुरू कर दिया।समाजसेवी नीरज बताते हैं कि एक साल में यहां महाराष्ट्र और बिहार समेत कई राज्यों से लोग आए हैं। उन्होंने मस्जिद देखकर हर्ष जताया, लेकिन यहां व्याप्त गंदगी देखकर थोड़ी पीड़ा भी जाहिर की। इसके बाद मामला गांव प्रधान और अन्य लोगों तक पहुंचा। इसके बाद गांव प्रधान और अन्य लोगों ने इस मस्जिद परिसर की सफाई कराने का जिम्मा लिया।
राजस्व रिकार्ड में अहाता गोसगढ़ गांव का खसरा संख्या 223 तथा 297 का रकबा 0.2410 हेक्टेयर है। इस जमीन में मालिकाना हक के स्थान पर मस्जिद दर्ज है। इनका कहना है। गांव में करीब ढाई सौ साल पुरानी मस्जिद है।
शाबाश….#Shoha_Khan…शाबाश
सोहा खान पुत्री अहसान अली खान चैनपुरा (झुंझुनू) ने 12वीं कला वर्ग में #राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 2022 के परीक्षा परिणाम में 100% #अंक प्राप्त कर राजस्थान में नया #रचा_इतिहास बहुत-बहुत बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं प्यारी बहन को। ( 6 जून को घोषित होने वाले परिणाम में सोहा का नाम नहीं होना वाकई अफसोस नाक था। इस छात्रा के 500 में से 500 मार्क्स आ रहे थे बोर्ड ने पूरी इंक्वायरी के बाद अब सोहा खान को राजस्थान की टॉपर घोषित किया है।