नगर निगम अफसरों पर CBCID का शिकंजा, कायदे कानून ताक पर रखकर मेरठ नगर निगम में 23 कर्मचारियों को नियमित करने वाले अफसरों पर सीबीसीआईडी आगरा के जांच अधिकारियों का शिकंजा कस गया है। नगर निगम मेरठ के 23 कर्मचारी भर्ती कांड़ से जुड़े अफसरों को तलब कर सीबीसीआईडी की टीम ने मेरठ में डेरा डाला हुआ है। इस मामले से जुड़े तत्कालीन नगरायुक्त मेरठ संजय कृष्ण को सीबीसीआईडी आगरा के अफसरों ने बयान के लिए तलब कर लिया है। केवल संजय कृष्ण ही नहीं बल्कि इस भर्ती घोटाले से जुड़े तमाम अफसरों पर सीबीसीआईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। जानकारों की मानें तो डेमेज को यदि समय रहते कंट्रोल नहीं किया जा सकता तो कई बड़े अधिकारी जेल भी जा सकते हैं। इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा मुसीबत उन अफसरों की हाे सकती है, जो शासन के तमाम पत्रों के बावजूद इन 23 कर्मचारियों की सेलरी रिलीज करते रहे। उल्लेखनीय है कि 23 कर्मचारियों का भर्ती घोटाला सामने आने के बाद शासन ने सभी कर्मचारियों की सेलरी रिलीज करने पर रोक के साथ ही रिकबरी किए जाने के आदेश भी दिए थे, लेकिन इसको लेकर भेजे गए तमाम शासन के पत्र लगता है कि निगम अफसरों ने रद्दी की टोकरी में फँक दिए। शासन स्तर से इस मामले को लगातार मेरठ नगर निगम के अफसरो को भर्ती घोटाले से जुड़े अफसरों तथा अनुचित लाभ लेने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए। मंडलायुक्त मेरठ ने भी पत्र लिखे, लेकिन निगम अफसर नींद में रहे या भर्ती घोटाले के आरोपियों को अब तक बचाने में ही लगे रहे। लेकिन तत्कालीन नगरायुक्त संजय कृष्ण ने मेरठ नगर निगम अफसरों से जो जानकारी इसको लेकर मांगी है, उसके बाद निगम के अफसरों की नींद उड़ी हुई है। यह भी सुनने में आया है कि भर्ती घोटाले से जुड़े सभी अफसरों को सीबीसीआईडी की टीम ने समन भेजा है। सभी के बयान दर्ज किए जाने हैं। बारी-बारी से सभी को बुलाया जाएगा। यह मामला अब निगम के लिए बड़ी सी मुसीबत बनता नजर आ रहा है।