एनएचआरसी ने यूपी पुलिस पर तरेरी आंखें, यूपी पुलिस के काम करने के तरीके खासताैर से दबिशों के दौरान महिलाओं से व्यवहार को लेकर ह्यूमन राइट कमिशन यूपी पुलिस से सख्त नाराज है। एक माह में हुई चार घटनाओं को एनएचआरसी ने स्वत संज्ञान लिया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूपी पुलिस के काम करने के तरीके से एनएचआरसी खुश नहीं। यूपी के बागपत जिले के छपरौली क्षेत्र के बाछौड़ गांव में पुलिस दबिश के दौरान जहर खाने वाली मां और दो बेटियों की मौत समेत चार अन्य मामलों में नोटिस जारी कर एनएचआरसी ने यूपी के डीजीपी से सफाई मांगी है. हालांकि छपरौली प्रकरण में आरोपी दरोगा नरेशपाल को सस्पेंड कर दिया है. एसपी बागत नीरज कुमार जादौन ने माना कि दबिश के दौरान दरोगा नरेशपाल ने गंभीर लापरवाही बरती। दरोगा की मौजूदगी में ही मां व बेटी ने जहर खाया। मृतका के बेटे प्रिंस की तलाश में उनके यहां दबिश दी गयी थी। उस वक्त दारोगा ने सूझबूझ का परिचय देने के बजाय लापरवाही बरती, इसके मद्देनजर उन्हें निलंबित कर दिया गया. पिछली तीन मई को छपरौली थाना क्षेत्र के बाछौड़ गांव निवासी कांतिलाल नामक व्यक्ति ने पुलिस को तहरीर दी थी कि उसकी पुत्री को गांव का ही युवक प्रिंस लेकर चला गया है. इस मामले में पुलिस की दबिश के दौरान अभियुक्त की मां अनुराधा और दो बहनों स्वाति तथा प्रीति ने जहर खा लिया था. तीनों को मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बुधवार को स्वाति और गुरुवार को अनुराधा और प्रीति की मौत हो गई. मालूम हो कि मई महीने में यह चौथी घटना है, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की दबिश के दौरान महिलाओं की जान गई है. 14 मई को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में पुलिस की दबिश के दौरान एक महिला की कथित तौर पर पुलिस ने गोली मार दी. उसकी मौत हो गयी. 7 मई को फिरोजाबाद जिले के पचोखरा क्षेत्र में कथित रूप से पुलिस द्वारा हिंसात्मक रूप से धक्का दिए जाने से गिरी एक 60 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. एक मई को उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के सैयदराजा क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में एक युवती की मौत हो गई थी. इस मामले में निलंबित थानाध्यक्ष समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में पुलिस का एक दल एक बालू कारोबारी कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए उसके घर पहुंचा था. यादव के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हुआ था. पीड़ित परिवार का आरोप है कि इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने कारोबारी की 24 साल की बेटी से बलात्कार किया तथा मारपीट और जोर-जबर्दस्ती के कारण उसकी मौत हो गई.