असली भाकियू टिकैत बंधुओं की

असली भाकियू टिकैत बंधुओं की
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असली भाकियू टिकैत बंधुओं की, यह बात सोमवार को काकड़ा की महापंचायत में साबित हो गयी। जो अलग हुए हैं उन पर सत्ता के लालची होने का ठप्पा लगा दिया गया है। काकड़ा मु.नगर  महापंचायत में गठवाला खाप के थांबेदार श्याम सिंह मलिक ने कहा कि भाकियू को गठवाला खाप ने अपने खून-पसीने से सींचकर खड़ा किया है। किसी भी हालत में चौ. महेंद्र सिंह टिकैत द्वारा खड़े किए गए संगठन को खत्म नहीं होने देंगे। काकड़ा में आयोजित बालियान खाप की किसान मजदूर पंचायत में पहुंचे गठवाला खाप के थांबेदार श्याम सिंह ने कहा कि गठवाला खाप के सातों थांबेदार किसान मजदूर पंचायत के मंच पर हैं। खाप चौधरी का सम्मान करते हैं। खाप चौधरी को भी हमारा सम्मान करना चाहिए। किसान संगठन अलग होना अलग बात है, लेकिन खाप में बिखराव ठीक नहीं है।

महेन्द्र सिंह टिकैत की देन

भाकियू में बिखराव पर कहा कि किसान यूनियन चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की देन है, जिसे गठवाला खाप ने अपने खून पसीने पसीने से सींच कर खड़ा किया है। इसे खत्म नहीं होने देंगे। हरियाणा से आए विधायक अमरजीत सिंह डागा ने पंचायत आयोजकों को 21 लाख रुपये की धनराशि आंदोलन के लिए दी। इस दौरान सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान, राठी खाप से बाबा ब्रह्म सिंह, थांबेदार कृष्णपाल राठी, निर्वाल खाप से राजवीर सिंह मुंडेट, बेनीवाल खाप से अमित बेनीवाल, कुंडू खाप से चौधरी उपेंद्र, बुड़ियान खाप से चौधरी सचिन, गठवाला खाप थाम्बेदार चौधरी श्याम सिंह बहावड़ी, रविन्द्र सिंह लांक, बीरसेन मलिक फुगाना, रविन्द्र सिंह सोहजनी, आजाद मलिक पुरा महादेव, महिपाल सिंह लिसाड आदि मौजूद रहे। पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा कि 1987 में उन्होंने किसान यूनियन को अपने सामने बनते देखा। बाबा महेंद्र सिंह टिकैत को किसानों के लिए संघर्ष करते देखा, जिन्होंने किसानों को एक पहचान दी। किसानों की संगइन ने लड़ाई लड़ी। किसानों के लिए भाकियू के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। किसानों के संगठित होकर साथ देने की वजह से ही दिल्ली में मजबूती से लड़ाई लड़ी गई। भाकियू किसी के तोड़ने से टूटने वाली नहीं है, जो लड़ेगा वहीं बढ़ेगा।

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