सर्किल रेट न बढ़ाना भू स्वामियों से ठगी -सुदीप जैन,
-सरकारी परियोजनाओं के कारण सर्किल रेट न बढ़ाना, भू स्वामियों से ठगी : सुदीप जैन-
ट्रांसपोर्ट नगर निवासी सुदीप जैन ने जिलाधिकारी मेरठ को पत्र लिखकर सर्किल रेट बढ़ाये जाने की मांग की है और साथ ही विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत अधिग्रहित की जा रही जमीन में बढे हुए दर से मुआवजा देने की मांग की। सुदीप जैन ने कहा कि राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मेरठ, उत्तर प्रदेश के अग्रणी जिले में शामिल है, जहां भविष्य की अपार संभावनाएं है। जिस कारण से मेरठ में सरकार की विभिन्न संस्थाओं व निजी उद्यमी द्वारा अनेक लाभिक योजनाएं लायी जा रही है। सुदीप जैन ने पत्र में कहा कि यह योजना विकास के साथ साथ लाभ अर्जन को दृष्टिगत रखते हुए लायी जा रही है परंतु किसी भी संस्था के लाभ की इमारत को आमजन के हितों का शोषण कर नहीं बनायी जानी चाहिए। जैसा कि सर्वविदित है कि मेरठ की जमीन के बाजारी मूल्य में निरंतर वृद्धि हो रही है और उत्तर प्रदेश स्टाम्प (सम्पति का मूल्यांकन) नियमावली 1997 का नियम 4 के अंतर्गत उसी के अनुसार सर्किल रेट में प्रतिवर्ष निरंतर वृद्धि होनी चाहिए। चूंकि भूमि अधिग्रहण में मुआवजा का आंकलन समान्यतः सर्किल रेट के आधार पर किया जाता है तो सर्किल रेट में वृद्धि न होने से आमजन के हितों का घात हो रहा है या यूँ कहे कि उन्हें ठगा जा रहा है। मेरठ जिले के अंतर्गत चल रही सभी योजनाओं की यही स्थिति है चाहे गंगा एक्स्प्रेस वे हो, चाहे रैपिड रेल हो, चाहे दिल्ली रोड पर मेरठ विकास प्राधिकरण के न्यू इंटीग्रेटेड टाउनशिप योजना हो, चाहे अन्य कोई योजना हो। सुदीप जैन ने कहा कि पहले समय में बनाए जाने वाले मार्ग जनता के उपयोग हेतु जनता को निशुल्क समर्पित हुआ करते थे जिनको जनहित का कार्य कहा जा सकता था परंतु वर्तमान परिवेश में विकास के साथ साथ ये एक उद्यम का रूप ले चुके है जिन पर भारी भरकम टोल लगाकर भारी मुनाफा कमाया जाता है इसलिए इस स्थिति में इसको जनहित का कार्य नहीं कहा जा सकता और उस स्थिति में तो बिल्कुल भी नहीं जब इसकी नींव जनता के अधिकार व हितों का शोषण व ठगी करकर रखी गयी हो।
सुदीप जैन ने मांग की है कि आमजन, किसान, व्यापारी व नागरिक के हितों के संरक्षण हेतु तत्काल ही सर्किल रेट में बढ़ोतरी कर लागू कराने व अधिग्रहण की जा रही जमीन के भू स्वामियों को बढे हुए दर से मुआवजा दिलाया जाए। पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव (राजस्व) व आयुक्त मेरठ मंडल को भी भेजी गयी है।