न्याय के साथ मजाक दिया करार, सपा के बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान की जमानत याचिका की सुनवाई में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तलख टिप्पणी करते हुए इसे न्याय के साथ न केवल मजाक करा दिया बल्कि 11 मई सुनवाई की तारीख भी मुरर्र कर दी है। परिजनों को इस दिन राहत की उम्मीद है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि खान को 87 में से 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है और वह 11 मई को इस मामले पर सुनवाई करेगी. पीठ ने कहा, ‘उन्हें (खान) एक मामले को छोड़कर सभी मामलों में काफी पहले जमानत मिल चुकी है. यह न्याय के साथ मजाक है. हम और कुछ नहीं कहेंगे. हम बुधवार को इस पर सुनवाई करेंगे.’ पीठ ने कहा, ‘अब निर्णय सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है, जो हम आपको बताएंगे. 137 दिन तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है. उन्हें 86 मामलों में जमानत पर रिहा किया कर दिया गया है. यह एक मामला है. यह न्याय का मजाक है. हम अभी इतना ही कह सकते हैं. अगर जरूरी होगा तो हम और कहेंगे.’ आजम खान के समर्थकों का मानना है कि ये एफआईआर उन्हें अनिश्चित काल तक जेल में रखने के इरादे से भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्राप्त शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परियोजना के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में खान की जमानत अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट ने इससे पहले चार दिसंबर 2021 को भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हालांकि, बाद में राज्य सरकार ने एक आवेदन किया और नए हलफनामे के माध्यम से कुछ नए तथ्य पेश करने की अनुमति मांगी, जो दाखिल किए गए. खान और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर शत्रु संपत्ति हड़पने तथा करोड़ों रुपये से अधिक के सार्वजनिक धन के गबन को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. रामपुर के अजीमनगर थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.