अफसरों का दावा था स्मार्टसिटी का,
मेरठ / महानगर के मुख्य मार्ग में शुमार बेगमपुल से लेकर तेजगढ़ी चौराहे के बीच मुख्य मार्ग पर जगह-जगह से टूटे हुए डिवाइडर हादसों को केवल दावत नहीं नहीं दे रहे हैं, इसकी वजह से आए दिन हादसों का शिकार होकर लोग गंभीर रूप से जख्मी हो रहे हैं। अपंग हो रहे हैं। मेरठी नेताओं व अफसरों खासतौर से मेरठ विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अफसरों का दावा मेरठ को स्मार्टसिटी बनाने का था, यह बात अलग है कि शहर की खराब सड़कों व जाम जैसी जानलेवा समस्याओं के चलते देश के शहरों व महानगरों को स्मार्टसिटी का तमगा बांटने वाले संस्थान ने अभी तक मेरठी दावे को कंसीडर तक नहीं किया है। स्मार्टसिटी का बनना व तमगा तो दूर की बात है। दूर की बात इसलिए भी है क्योंकि महानगर के प्रमुख मार्ग बेगमपुल से लेकर तेजीगढ़ी चौराहे की यदि बात करें तो यातायात प्रबंधन में अहम समझे जाने वाले डिवाइडर तक पुरसा हाल नहीं। यूं कहने को रखरखाव के नाम पर प्राधिकरण व निगम एक भारी भरकम बजट साल में खर्च करता है, लेकिन इस भारी भरकम बजट के बाद भी डिवाइडरों खासतौर से बेगमपुल से लेकर तेज गढ़ी तक रास्ते पर डिवाइडर की हालत क्या है इसके लिए ज्यादा कुछ माथापच्ची करने की जरूरत नहीं है, करना बस इतना है कि बाइक या कार उठाइऐ और निकल जाइए बेगमपुल से तेजगढ़ी चौराहे की ओर हकीकत व इनके रखरखाव के लिए जिम्मेदार अफसरों तथा मेरठ को स्मार्टसिटी में शामिल कराने वालों के दावों की पोल खुद ब खुद खुलती चली जाएगी। बेगमपुल से लेकर तेजगढ़ी तक के रास्ते पर एक भी स्थान पर डिवाइडर सही नजर नहीं आया।
डिवाइडर हो गए गायब
कई जगह से तो डिवाइडर ही गायब हो गए हैं। बेगमपुल से बच्चापार्क के बीच जीआईसी कालेज के सामने तो रोड से डिवाइडर ही गायब हो गए हैं। डिवाइडर के नाम पर केवल उनके अवशेष बचे हैं। बेगमपुल से जब तेजगढ़ी की ओर चलेंगे तो ज्यादातर जगह पर ऐसे ही हालत मिलेगी। ईव्ज चौराहे के आसपास भी ऐसे ही हाल बना दिया गया है। जहां से ये डिवाइडर गायब हुए हैं वहां आसपास के दुकानदारों ने बताया कि डिवाइडर ही गायब नहीं हुए हैं उनके ऊपर लगाया गया लोहे का जाल भी या तो चोरी हो गया या फिर लोग उखाड़कर ले गए।
मुफलिसी कर रहे बयां
टूटे हुए डिवाइडर हादसों को दावत ही नहीं दे रहे बल्कि इनके रखरखाव के लिए जिम्मेदार महकमे की मुफ्लिसी को भी बयां कर रहे हैं। गंगा प्लाजा के सामने डिवाइड पर जहां जाल नहीं है, वहां बिजली का केबल बांध दिया गया है। इसी तरह खूनीपुल भी लोगों ने डिवाडर को ही यूटर्न का रास्ता बना लिया है। बोर्ड आॅफिस के बाहर लगे क्योस्क के सामने से भी डिवाइडर गायब है। इसी के समीप एक स्थान पर तो डिवाइड किसी भारी वाहन की टक्कर से टूट गया है। उस पर लगा विज्ञापन पट कभी भी धराशायी हो सकता है। बच्चापार्क चौराहे से पहले तो बजाए यूटर्न लेकर आने के तमाम वाहन डिवाडर को रौंदकर यूटर्न ले रहे हैं। कुछ जगह तो टूटा हुआ डिवाइडर खतरनाक हादसों की वजह बना नजर आ रहा है। कुछ स्थानों पर डिवाइड के जो अवशेष रह गए हैं उनके नुकीले लोहों में फंसकर आए दिन बाइक व स्कूटी चालक चोटिल हो रहे हैं।