NGT के चाबुक के बाद अफसरों की बारी,
मेरठ। हरियाली के कत्ल और ग्रीन बैल्ट व सिंचाई विभाग के रजवाहे तथा एनएचएआई की जमीन पर अवैध कब्जा मामले में (एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के अफसरों और कालोनी काटने वालों को नोटिस के बाद अब सिंचाई, प्राधिकर और पुलिस प्रशासन के अफसरों के एक्शन का इंतजार किया जा रहा है जो फिलहाल होता नजर नहीं आ रहा है। एनजीटी के नोटिसों के बाद यह तो साबित हो गया कि सिंचाई विभाग के रजवाहे और एनएचएआई की सर्विस रोड पर कब्जे के मामले में सभी बराबर के दोषी हैं। जिन अफसरों को कार्रवाई करनी चाहिए थीं, जानकारों की मानें तो उन्हाेंने कार्रवाई के लिए हाथ खोलने के बजाए सिंचाई विभाग के सलावा रजवाहे की पटरी पर अवैध कब्जा करने वालों से हाथ मिला लिए। कमोवेश यही स्थिति एनएचएआई की सर्विस रोड मामले में भी रही। जब फजीहत होने लगी तो एनएचएआई की ओर से सफाई दी गयी कि संबंधित विभाग को अवगत करा दिया गया है। जिस कालोनी के मालिक ने सर्विस रोड को कब्जाया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जबकि सिंचाई विभाग के अफसर एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं।
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NGT-अफसरों को छह हफ्ते की मोहलत,
खड़ौली स्थिति सिंचाई विभाग के रजवाहे पर होटल व कालोनी काटने वालों का कब्जा
प्रमुख सचिव, डीएम, चीफ इंजीनियर वीसी, नगरायुक्त समेत कुल 13 के दाखिल करना है जवाब
मेरठ/खड़ौली नाले पर कब्जे कराकर अवैध रूप से बनवा दिए गए अवैध होटल और कालोनी बनवा देने वाले अफसरों व कालोनी काटने वालों पर एनजीटी ने शिकंजा कस दिया है। प्रदेश के प्रमुख सचिव और डीएम मेरठ व सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर समेत 13 को नोटिस भेजकर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है। एनजीटी ने जिनसे जवाब तलब किया है उनके पास गुरूवार को नोटिस रवाना कर दिए गए हैं। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि छह सप्ताह के भीतर एफिडेविट के साथ जवाब करें। मामले की सुनवाई के लिए 9 मई को होगी।
इन्हें भेजे गए हैं नोटिस
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के दिल्ली आॅफिस के सेक्शन हेड के साइन से जिन्हें नोटिस भेज गए हैं उनमें प्रमुख सचिव सिंचाई, एज्यूकेटिव इंजीनियर मेरठ डिविजन गंगा कैनाल, डीएम, नगरायुक्त, एसएसपी, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, मैसर्स आरएस डेवल्पर्स-31 डिफैंस कालोनी, सूरज यादव पुत्र करतार सिंह यादव निवासी ए-31 डिफैंस कालोनी, Rajive s/o Harish Chand Gupta व राजकिरन पुत्र हर प्रसाद गांव फाजलपुर मेरठ शाामिल हैं। एनजीटी के सेक्शन आॅफिसर के द्वारा भेजे गए नोटिस में छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है। 9 मई को मामले की सुनवाई नियत की गयी है।
सोते रहे अफसर होते रहे कब्जे
खड़ौली रजवाहे को आसपास की कृषि भूमि के लिए लाइफ लाइन माना जाता है। लेकिन अवैध कब्जे का होटल व कालोनी काटने वालों ने इस इलाके की खेती की लाइफ लाइन की जान ले ली। कई जगह तो रजवाहे पर पक्के सीमेंट रोडी के पक्के निर्माण तक कर डाले हैं। संक्रति रिसोर्ट समीप कालोनी काटने वालोंने केवल रजवाहे पर ही कब्जा नहीं किया बल्कि सर्विस रोड पर भी कब्जा कर लिया। कालोनी के अलावा पठानपुरा तक जगह-जगह रजवाहे का चीर हरण किया गया। सबसे बड़ा चीरहरण तो खड़ौली के मुस्लिम होटलों के समीप मौत के मुजसमे के मानिंद केवल लोहे के स्ट्रक्टचर पर खडेÞ किए गए अवैध फरर वन बनाने वालों ने किया। ऐसे ही ना जाने कितने अवैध कब्जे किए गए। इन सभी के लिए एनजीटी ने जिन अफसरों को कसूरवार माना है उन सभी को नोटिस भेजकर जवचाब दाखिल करने को कहा गया है।
कार्रवाई के बजाए अफसरों की लीपापोती
दरअसल हाइवे के खड़ौली के होटलों समेत तमाम कालोनी काटने वालों तथा अन्य लोगों द्वारा किए गए कब्जों को लेकर जनवाणी ने जब प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया तो तत्कालीन डीएम दीपक मीणा ने ने सिंचाई विभाग व तहसील के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांग लिया था। जो जवाब भेजे गए थे वो लीपापोती से ज्यादा कुछ नहीं थे।
-4 अगस्त 2024 को अधिशासी अभियंता मेरठ खंड गंगा नहर मेरठ ने डीएम को अवगत कराया कि अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दिए जा रहे हैं। एसएसपी से पुलिस बल मांगा गया है। पुलिस बल मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
-1 सितंबर 2024 को तहसील के लेखपाल अब्दुल रहमान ने अपनी रिपोर्ट में जांच व स्थलीय निरीक्षण में राजस्व ग्राम मुरलीपुर गुलाब के रकबे में कालोनी का रास्ता व पार्क की बात स्वीकार की। लेकिन साथ ही यह भी बताया कि सरकारी जमीन के बदले कालोनाजर ने अपनी निजी जमीन का विनिमय किए जाने की जानकारी दी है।
-5 सितंबर 2024 अधिशासी अभियंता मेरठ खंड गंगा नहर ने को तत्कालीन डीएम को भेजी गई रिपोर्ट में बताया है कि सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा ने शिकायत की थी कि पठानपुर नाला पर अवैध कब्जा व सरकारी चकरोड पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता ने पत्र में कहा है कि उक्त खंड के सहायक अभियंता चतुर्थ मेरठ खंड गंगा नहर मेरठ द्वारा अवगत कराया गया। संबंधित जिलेदार को दोषी पर एफआईआर दर्ज कराने रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा। सीओ दौराला को मामले से अवगत कराया। इससे पहले 2 सितंबर को विभागीय दस्ता हाइड्रा बेकर मशीन के साथ अवैध पुलिया को ध्वस्त करने गया था। लेकिन अवैध निर्माण करने वाले व उसके समर्थकों ने कार्रवाई शुरू होने से पहले ही वहां से भगा दिया
अफसर करते रहे डीएम को गुमराह
वहीं दूसरी ओर इस संबंध में जनवाणी की खबर के आधार पर एनजीटी में शिकायत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। सिंचाई विभाग व एनएचएआई तथा प्राधिकरण अफसरों ने इस मामले में डीएम को अंधेरे में रखा। कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई। उन्हें उम्मीद है कि रजवाहे पर कब्जा करने वालों पर एनजीटी कठोकर कार्रवाई करेगी।
NGT-अफसरों को छह हफ्ते की मोहलत,
खड़ौली स्थिति सिंचाई विभाग के रजवाहे पर होटल व कालोनी काटने वालों का कब्जा
प्रमुख सचिव, डीएम, चीफ इंजीनियर वीसी, नगरायुक्त समेत कुल 13 के दाखिल करना है जवाब
मेरठ/खड़ौली नाले पर कब्जे कराकर अवैध रूप से बनवा दिए गए अवैध होटल और कालोनी बनवा देने वाले अफसरों व कालोनी काटने वालों पर एनजीटी ने शिकंजा कस दिया है। प्रदेश के प्रमुख सचिव और डीएम मेरठ व सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर समेत 13 को नोटिस भेजकर छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है। एनजीटी ने जिनसे जवाब तलब किया है उनके पास गुरूवार को नोटिस रवाना कर दिए गए हैं। नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि छह सप्ताह के भीतर एफिडेविट के साथ जवाब करें। मामले की सुनवाई के लिए 9 मई को होगी।
इन्हें भेजे गए हैं नोटिस
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के दिल्ली आॅफिस के सेक्शन हेड के साइन से जिन्हें नोटिस भेज गए हैं उनमें प्रमुख सचिव सिंचाई, एज्यूकेटिव इंजीनियर मेरठ डिविजन गंगा कैनाल, डीएम, नगरायुक्त, एसएसपी, यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, मैसर्स आरएस डेवल्पर्स-31 डिफैंस कालोनी, सूरज यादव पुत्र करतार सिंह यादव निवासी ए-31 डिफैंस कालोनी, Rajive s/o Harish Chand Gupta व राजकिरन पुत्र हर प्रसाद गांव फाजलपुर मेरठ शाामिल हैं। एनजीटी के सेक्शन आॅफिसर के द्वारा भेजे गए नोटिस में छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है। 9 मई को मामले की सुनवाई नियत की गयी है।
सोते रहे अफसर होते रहे कब्जे
खड़ौली रजवाहे को आसपास की कृषि भूमि के लिए लाइफ लाइन माना जाता है। लेकिन अवैध कब्जे का होटल व कालोनी काटने वालों ने इस इलाके की खेती की लाइफ लाइन की जान ले ली। कई जगह तो रजवाहे पर पक्के सीमेंट रोडी के पक्के निर्माण तक कर डाले हैं। संक्रति रिसोर्ट समीप कालोनी काटने वालोंने केवल रजवाहे पर ही कब्जा नहीं किया बल्कि सर्विस रोड पर भी कब्जा कर लिया। कालोनी के अलावा पठानपुरा तक जगह-जगह रजवाहे का चीर हरण किया गया। सबसे बड़ा चीरहरण तो खड़ौली के मुस्लिम होटलों के समीप मौत के मुजसमे के मानिंद केवल लोहे के स्ट्रक्टचर पर खडेÞ किए गए अवैध फरर वन बनाने वालों ने किया। ऐसे ही ना जाने कितने अवैध कब्जे किए गए। इन सभी के लिए एनजीटी ने जिन अफसरों को कसूरवार माना है उन सभी को नोटिस भेजकर जवचाब दाखिल करने को कहा गया है।
कार्रवाई के बजाए अफसरों की लीपापोती
दरअसल हाइवे के खड़ौली के होटलों समेत तमाम कालोनी काटने वालों तथा अन्य लोगों द्वारा किए गए कब्जों को लेकर जनवाणी ने जब प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया तो तत्कालीन डीएम दीपक मीणा ने ने सिंचाई विभाग व तहसील के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांग लिया था। जो जवाब भेजे गए थे वो लीपापोती से ज्यादा कुछ नहीं थे।
-4 अगस्त 2024 को अधिशासी अभियंता मेरठ खंड गंगा नहर मेरठ ने डीएम को अवगत कराया कि अतिक्रमण करने वालों को नोटिस दिए जा रहे हैं। एसएसपी से पुलिस बल मांगा गया है। पुलिस बल मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
-1 सितंबर 2024 को तहसील के लेखपाल अब्दुल रहमान ने अपनी रिपोर्ट में जांच व स्थलीय निरीक्षण में राजस्व ग्राम मुरलीपुर गुलाब के रकबे में कालोनी का रास्ता व पार्क की बात स्वीकार की। लेकिन साथ ही यह भी बताया कि सरकारी जमीन के बदले कालोनाजर ने अपनी निजी जमीन का विनिमय किए जाने की जानकारी दी है।
-5 सितंबर 2024 अधिशासी अभियंता मेरठ खंड गंगा नहर ने को तत्कालीन डीएम को भेजी गई रिपोर्ट में बताया है कि सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा ने शिकायत की थी कि पठानपुर नाला पर अवैध कब्जा व सरकारी चकरोड पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। अधिशासी अभियंता ने पत्र में कहा है कि उक्त खंड के सहायक अभियंता चतुर्थ मेरठ खंड गंगा नहर मेरठ द्वारा अवगत कराया गया। संबंधित जिलेदार को दोषी पर एफआईआर दर्ज कराने रजिस्टर्ड डाक से पत्र भेजा। सीओ दौराला को मामले से अवगत कराया। इससे पहले 2 सितंबर को विभागीय दस्ता हाइड्रा बेकर मशीन के साथ अवैध पुलिया को ध्वस्त करने गया था। लेकिन अवैध निर्माण करने वाले व उसके समर्थकों ने कार्रवाई शुरू होने से पहले ही वहां से भगा दिया
अफसर करते रहे डीएम को गुमराह
वहीं दूसरी ओर इस संबंध में जनवाणी की खबर के आधार पर एनजीटी में शिकायत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दुष्यंत रोहटा ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। सिंचाई विभाग व एनएचएआई तथा प्राधिकरण अफसरों ने इस मामले में डीएम को अंधेरे में रखा। कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई। उन्हें उम्मीद है कि रजवाहे पर कब्जा करने वालों पर एनजीटी कठोकर कार्रवाई करेगी।